नयी दिल्ली : आईसीसी और बीसीसीआई के बीच राजस्व माडल को लेकर विवाद आज जारी रहा जब भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने प्रस्तावित प्रारुप में अतिरिक्त 10 करोड़ डालर का आईसीसी का प्रस्ताव ठुकरा दिया.दुबई में मौजूद बीसीसीआई के एक सीनियर सूत्र ने कहा ,‘‘ आईसीसी अध्यक्ष शशांक मनोहर ने हमें नये वित्तीय मॉडल में 10 करोड़ डालर अतिरिक्त देने की पेशकश की थी. उन्होंने हमें समय सीमा भी दी है लेकिन हम इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करने जा रहे.”
यह पूछने पर कि प्रस्ताव को एकसिरे से खारिज क्यों किया गया, अधिकारी ने कहा कि मनोहर और बीसीसीआई के बीच आपसी विश्वास नहीं है. उन्होंने कहा ,‘‘ यह प्रस्ताव मनोहर ने रखा है. वह चेयरामैन है लेकिन वह तय नहीं कर सकते कि किसको क्या मिलना चाहिए. यह सदस्य तय करते हैं. हम सभी देशों के साथ फार्मूले पर काम कर रहे हैं. मनोहर तय नहीं करेंगे कि बीसीसीआई को क्या मिलना चाहिए.” प्रस्तावित राजस्व माडल पर आईसीसी और बीसीसीआई की ठनी हुई है क्योंकि इसमें भारत का हिस्सा कम किया जा रहा है. मौजूदा राजस्व वितरण माडल में बीसीसीआई को आईसीसी से 57 करोड़ 90 लाख डालर मिलते हैं.
मनोहर उनका हिस्सा बढाने के लिए बीसीसीआई का हिस्सा 300 रुपये करना चाहते हैं.” यह पूछने पर कि इसका हल क्या है, उन्होंने कहा ,‘‘ हम सदस्य देशों को आश्वासन दे रहे हैं कि हमारा हिस्सा 500 भी रहा तो हम ऐसा माडल बनायेंगे कि उनकी आय बढकर 200 हो जाये. हम पर भरोसा रखें कि हम राजस्व बढाने वाला माडल लेकर आयेंगे.”
बीसीसीआई चैम्पियंस ट्राफी के लिए टीम का ऐलान भी नहीं कर रहा जिसकी आखिरी तारीख आज है. आईसीसी का संविधान हालांकि कुछ परिस्थितियों में देशों को बाद में टीम का ऐलान करने की अनुमति भी देता है. अधिकारी ने कहा ,‘‘ मुझे एक बात बताओ कि अगर हम टीम पांच मई को भी घोषित करते हैं तो क्या आईसीसी हमें खेलने से रोकेगा. हमारे पास टीम तय है और नाम का ऐलान करना औपचारिकता मात्र है.”