न्यू यॉर्क : भारत और चीन के बीच मतभेदों के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि कभी-कभी अनसुलझे सीमा विवाद की वजह से पड़ोसी देश के साथ द्विपक्षीय संबंधों की तनाव पैदा होता रहता है. वित्त मंत्री अरुण जेटली का यह बयान तब आया है, जब चीन के आधिकारिक मीडिया ने भारत को आंख दिखाते हुए यह कहा था कि हिंद महासागर में चीन पर लगाम कसने के लिए विमानवाहक के निर्माण की प्रक्रिया को तेज करने से ज्यादा ध्यान भारत को अपने आर्थिक विकास पर देना चाहिए. सोमवार को सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने एक लेख में कहा था कि विमानवाहक विकसित करने के लिए नयी दिल्ली कुछ ज्यादा ही बेसब्र हो रही है. यह देश औद्योगिकीकरण के अभी शुरुआती चरणों में ही है और ऐसे में विमानवाहक बनाने की राह में कई तकनीकी अवरोध आयेंगे.
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चीन के आधिकारिक मीडिया की ओर से भारत को दी गयी चेतावनी के बाद प्रमुख अमेरिकी थिंकटैंक ‘काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस’ की ओर से आयोजित कार्यक्रम में वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि हमारा मानना है कि सीमा मुद्दे का समाधान होना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह क्षेत्रीय शांति के हित में है. निश्चित तौर पर अनसुलझे हालात की वजह से कभी-कभी इस तरह के कुछ मुद्दे पैदा होंगे.
वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि 2003 में प्रधानमंत्री ने चीन का दौरा किया था. मैं भी उनके साथ था और हमारे पास सीमा मुद्दे को हल करने और परिभाषित करने के लिए एक व्यवस्था थी. 2003 से यह व्यवस्था किसी उत्तर के साथ सामने नहीं आ सकी.जेटली ने कहा कि हमारा आर्थिक संबंध काफी मजबूत हुआ है. भारत और चीन के बीच काफी व्यापार होता है.