रायपुर : जिस तरह से नक्सलियों ने हम पर हमला किया, उससे साफ जाहिर है कि स्थनीय लोगों ने उन्हें हमारे मूवमेंट की पूरी जानकारी दी. ग्रामीण नक्सलियों की पूरी मदद करते हैं. वे दिन में अपने हथियार छुपा देते हैं और रात को अपने हथियार निकाल कर नक्सलियों के साथ हो जाते हैं.
सुकमा हमला : नक्सलियों ने रेकी करायी, रॉकेट लॉन्चर दागे, फिर की ताबड़तोड़ फायरिंग
छत्तीसगढ़ पुलिस भी सीआरपीएफ जवानों का सहयोग नहीं करती है. हमें सही तरीके से लोकेशन की जानकारी नहीं होती. इसकी वजह से हम इलाकों में फंस कर रह जाते हैं. बिना किसी स्थानीय मदद के हमलोगों को जंगलों में झोंक दिया जाता है.
छत्तीसगढ़ में नक्सली हमला , 25 जवान शहीद
सीआरपीएफ के सभी कैंपों में एक-एक पुलिस चौकी होनी चाहिए, जिससे जवानों को स्थानीय इलाकों की जानकारी मिल सके. न स्थानीय ग्रामीण हमारी मदद करते हैं, न छत्तीसगढ़ पुलिस.
(हमले में घायल एक जवान ने मीडियाकर्मियों को यह बात बतायी.)
छत्तीसगढ में सीआरपीएफ जवानों पर हमले की घोर निंदा करता हूं, मृतकों के परिजन के प्रति संवेदनाएं और घायलों के लिए प्रार्थना.
प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति