जदिया : राज्य सरकार के राजस्व का बड़ा स्रोत शराब था. उक्त आमदनी से किसी एक विभाग के कर्मचारियों का वेतन पूरा हो जाता था. बावजूद शराब से समाज में अनेक तरह की विकृतियां भी फैलने लगी थी. जिससे आये दिन परिवारों में अनेक तरह का कलह पनपने लगा था. खास कर युवा वर्ग शराब की लत के आगोश में समाते जा रहे थे.
युवा वर्ग पर बेहतर समाज निर्माण की जिम्मेदारी रही है. वहीं युवा वर्ग भटकाव का रास्ता अपना ले तो बेहतर समाज की कल्पना करना भी बेमानी साबित हो रहा था. जिसे दूर करने के लिए राज्य सरकार ने पूर्ण शराबबंदी का ऐतिहासिक फैसला लिया. खास कर आधी आबादी ने इस फैसले का खुलकर स्वागत किया. शराबबंदी का असर भी धीरे-धीरे दिखने लगा. शराबबंदी से आपराधिक घटनाओं में जहां कमी आयी. वहीं पारिवारिक कलह में भी निरंतर गिरावट दर्ज की जा रही है.
यहां तक कि सरकार द्वारा कानून इतने सख्त बनाये गये कि भय वश शराबियों की नशा ही काफूर हो गया. इनके बावजूद भी शराब कारोबारियों के साथ शराब पीकर हो हंगामा मचाने वाले लोगों को पुलिस द्वारा गिरफ्त में लिया जाना इस ओर संकेत करता है कि आज भी शराब का अवैध कारोबार थाना क्षेत्र में फल फूल रहा है. जो कभी खुलेआम पीते थे आज परदे के पीछे शराब का लुफ्त उठा रहे है. सूत्र बताते है कि इस सुदूर इलाके में शराब माफिया अपनी जड़े इस कदर जमा लिया है कि पुलिस को उस पर काबू पाना असंभव सा दिख रहा है. सूत्रों की माने तो पुलिस छोटे व्यवसायी तक तो अपनी पहुंच बना कर उस पर कार्रवाई करती रही है. लेकिन बड़े व्यवसायी अभी भी पुलिस की पहुंच से दूर है.