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नदी और नाला का पानी पीकर प्यास बुझाते हैं लोग
दीनबंधु/गंगा चतरा : जिला मुख्यालय से सटे तीन किमी की दूरी पर स्थित है डुमरिया गांव. इस गांव में 25 घरों में 150 की आबादी हैं. गांव में गंझू व यादव जाति के लोग रहते हैं. डुमरिया व जलेद को पक्की सड़क व चारों ओर से बहने वाली नदी अलग करती है. गांव में जाने […]
दीनबंधु/गंगा
चतरा : जिला मुख्यालय से सटे तीन किमी की दूरी पर स्थित है डुमरिया गांव. इस गांव में 25 घरों में 150 की आबादी हैं. गांव में गंझू व यादव जाति के लोग रहते हैं. डुमरिया व जलेद को पक्की सड़क व चारों ओर से बहने वाली नदी अलग करती है. गांव में जाने के लिए सड़क नहीं है. पगडंडियों के सहारे लोग गांव में पहुंचते हैं. गांव जंगल व पहाड़ों से घिरा हैं.
गांव के लोग लकड़ी बेच कर अपना पेट भरते हैं. अधिकांश लोग गुजरात में मजदूरी करने जाते हैं. गांव में समस्याओं का अंबार हैं. सरकारी योजनाएं धरातल पर नहीं दिखती. गांव में विद्यालय, आंगनबाडी केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र नहीं हैं. तीन किमी दूर स्थित जलेद गांव में बच्चे पढ़ाई के लिए विद्यालय जाते हैं. गांव में एक भी पक्का मकान व एक चापानल नहीं हैं. नदी व नाला की पानी से लोग प्यास बुझाते हैं. बरसात में गांव टापू बन जाता हैं.
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