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नीति आयोग की बैठक में बोले पीएम मोदी, जीएसटी सहकारी संघवाद का शानदार उदाहरण

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर सहमति ‘एक देश, एक आकांक्षा, एक प्रतिबद्धता’ की भावना को दर्शाती है. एक आधिकारिक बयान में मोदी के हवाले से कहा गया है, ‘‘जीएसटी पर सहमति इतिहास में सहकारिता संघवाद का उदाहरण है. जीएसटी एक राष्ट्र, एक आकांक्षा, एक […]

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर सहमति ‘एक देश, एक आकांक्षा, एक प्रतिबद्धता’ की भावना को दर्शाती है. एक आधिकारिक बयान में मोदी के हवाले से कहा गया है, ‘‘जीएसटी पर सहमति इतिहास में सहकारिता संघवाद का उदाहरण है. जीएसटी एक राष्ट्र, एक आकांक्षा, एक प्रतिबद्धता को दर्शाता है.”

नीति आयोग संचालन परिषद की तीसरी बैठक के उद्घाटन भाषण में मोदी ने कहा कि जीएसटी संघीय ढांचे की ताकत को दिखाता है. मोदी ने जीएसटी को लेकर एक मंच पर आने के लिए सभी मुख्यमंत्रियों को श्रेय दिया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्रियों ने इसमें अपने वैचारिक और राजनीतिक मतभेदों को अलग रखा. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 13 अप्रैल को जीएसटी पर चार महत्वपूर्ण कानूनों को मंजूरी दी है. सरकार का इरादा इस नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को एक जुलाई से लागू करने का है.

* मोदी भाजपा के सभी मुख्यमंत्रियों को आज करेंगे संबोधित
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भाजपा शासित राज्यों के 13 मुख्यमंत्रियों को आज शाम संबोधित करेंगे और इस दौरान वह मुख्यमंत्रियों को ‘‘सुशासन और विकास”के एजेंडे पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कह सकते हैं.
इस बैठक में पार्टी प्रमुख अमित शाह और वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री शामिल होंगे. उनकी इस कवायद को सुशासन का उनका एजेंडा प्रभावी रहे और कई मुद्दों पर उनकी सरकार को विपक्षी पार्टियों द्वारा घेर जाने पर तुरुप का पत्ता साबित हो यह सुनिश्चत करने के तौर पर देखा जा रहा है.
पार्टी की ओर से जारी बयान के अनुसार इस बैठक में 13 मुख्यमंत्रियों के अलावा पांच उप मुख्यमंत्री तथा राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, सुषमा स्वराज तथा एम वेंकैया नायडू सरीखे केंद्रीय मंत्री शामिल रहेंगे.
पार्टी सूत्रों ने बताया कि मोदी के संबोधन में विकास के एजेंडे पर ध्यान केंद्रित करने खासकर के समाज के गरीब तबके पर ध्यान केंद्रित करने की जरुरत की बात शामिल होगी.
भाजपा महासचिव भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि 2014 में मोदी के सत्ता संभालने के बाद सभी भाजपा मुख्यमंत्रियों की यह दूसरी बैठक होगी. इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव के अलावा 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए मोदी और शाह का ध्यान संगठनात्मक तंत्र को मजबूत करने के अलावा यह सुनिश्चत करने पर है कि विकास का उनका एजेंडा धुंधला नहीं पड़ जाए.
हाल ही में भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मोदी ने भारत को तेजी से विकसित होने के लिए ‘‘लंबी छलांग” लगाने की जरुरत की बात की थी वहीं शाह ने कहा था कि भगवा पार्टी का अभी भी शीर्ष पर पहुंचना बाकी है. नीति आयोग की बैठक में शामिल होने के लिए सभी नेता रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में मौजूद होंगे.

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