डॉ पांडेय ने गृह विज्ञान विभाग को खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित एक्सप्रियेंसियल लर्निंग इकाई स्वीकृत करने का भी आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि बीएससी (कृषि) के कोर्स में पहले अनुभवात्मक ज्ञान कार्यक्रम का सेमेस्टर होना चाहिए. उसके बाद ग्रामीण कृषि अनुभव कार्यक्रम का. जो विद्यार्थी छह माह के लिए गांवों में इस कार्यक्रम के लिए जायें, वे अनुभवात्मक ज्ञान कार्यक्रम में प्राप्त ज्ञान एवं कौशल से किसानों में ज्ञानवर्द्धन और उद्यमिता विकास कर सकें.
एडीजीसी ने फसलों में कीड़ों के विनाश के लिए प्रयोगशाला में कृत्रिम ढंग से तैयार किये जा रहे ट्राइकोग्रामा कीट के अधिक प्रचार-प्रसार की जरूरत बतायी. उन्होंने असम विवि में मशरूम के व्यावसायिक उत्पादन की तकनीक जाकर सीखने पर बल दिया. मौके पर विवि के कुलपति डॉ पी कौशल, डॉ रेखा सिन्हा, डॉ देवेंद्र प्रसाद, डॉ एन कुदादा, डॉ विनय कुमार आदि मौजूद थे.