14.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

विक्रम के लैपटॉप में मिला अखिलेश का अापराधिक रिकॉर्ड, हर माह जाती थी एक करोड़ रुपये रंगदारी

जमशेदपुर: पूछताछ में एसएसपी को विक्रम शर्मा ने बताया है कि विक्रम ने बताया िक अखिलेश सिंह को फरारी के दौरान शहर से लगभग एक करोड़ रुपये की रंगदारी जाती थी. शहर के कुछ स्क्रैप व्यापारी समेत उद्यमियों की लिस्ट पुलिस को हाथ लगी है. जिसकी जांच पुलिस कर रही है. सबसे ज्यादा रुपये उसने […]

जमशेदपुर: पूछताछ में एसएसपी को विक्रम शर्मा ने बताया है कि विक्रम ने बताया िक अखिलेश सिंह को फरारी के दौरान शहर से लगभग एक करोड़ रुपये की रंगदारी जाती थी. शहर के कुछ स्क्रैप व्यापारी समेत उद्यमियों की लिस्ट पुलिस को हाथ लगी है. जिसकी जांच पुलिस कर रही है. सबसे ज्यादा रुपये उसने ब्लू स्कोप से कमाये. ब्लू स्कोप का काम बंद होने से अखिलेश को आर्थिक नुकसान पहुंचा है.
फरजी दस्तावेज बनाने के मामले में विक्रम को रिमांड पर लेगी पुलिस
विक्रम शर्मा के खिलाफ फरजी दस्तावेज बनाने का मामला दर्ज किया जायेगा. इसी मामले में जिला पुलिस विक्रम को रिमांड पर लेगी. एसएसपी अनूप टी मैथ्यू ने बताया कि विक्रम शर्मा के सभी मामलों में चार्जशीट होने के कारण रिमांड पर नहीं लिया जा सका. उन्होंने बताया कि देहरादून में गिरफ्तारी के क्रम में विक्रम शर्मा का मोबाइल फोन, लैपटॉप व दस्तावेज पुलिस ने जब्त किया था. विक्रम शर्मा के लैपटॉप में अखिलेश का पूरा अपराधिक ब्योरा कैद है.
अखिलेश को किस मामले में कब जाना है, किस मामले में जमानत हो चुकी है और किस मामले में उसे जमानत लेना है, सभी का उल्लेख है. हाईकोर्ट से अखिलेश सिंह की जमानत रद्द करने की कॉपी लैपटॉप के फाइल में मिली है. उन्होंने कहा कि एटीएस, सीआइडी, स्पेशल ब्रांच के अधिकारियों ने ज्यादा पूछताछ की, जिस वजह से पुलिस ज्यादा काम नहीं कर पायी है. विक्रम पर फरजी दस्तावेज का मामला दर्ज कर उसे रिमांड पर लेकर फिर से पूछताछ की जायेगी.
मार्च में अखिलेश-विक्रम दोनों चंडीगढ़ गये थे : एसएसपी को विक्रम शर्मा ने बताया है कि मार्च के अंतिम सप्ताह में अखिलेश और विक्रम दोनों दिल्ली में मिले थे. अखिलेश जबलपुर से पुलिस से बचकर दिल्ली पहुंचा था. दिल्ली से दोनों चंडीगढ़ गये और वहां दो दिनों तक सत्संग में रहे थे. सत्संग के बाद विक्रम देहरादून चला गया और अखिलेश कहां गया इसके बारे में विक्रम शर्मा को नहीं पता.
रवि चौरसिया पर फायरिंग के मामले में भेजा गया जेल
जमशेदपुर. देहरादून से गिरफ्तार व ट्रांजिट रिमांड पर लाये गये विक्रम शर्मा को जिला पुलिस ने बुधवार दोपहर पौने एक बजे कोर्ट में पेश किया. उसे रवि चौरसिया के घर पर फायरिंग के मामले में जिला जज रमेश चंद्रा की अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया. पुलिस तकनीकी चूक के कारण उसे रिमांड पर नहीं ले सकी. रवि चौरसिया पर फायरिंग मामले में पुलिस पहले ही अदालत में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. साकची पुलिस ने विक्रम शर्मा को सात दिन के पुलिस रिमांड पर देने का आवेदन कोर्ट में दाखिल किया था.
इसके जवाब में विक्रम शर्मा के अधिवक्ता विद्या सिंह ने चार्जशीट के केस में रिमांड नहीं देने का हवाला देते हुए अदालत से पुलिस की अरजी खारिज करने का अनुरोध किया. जिसे अदालत ने खारिज कर दी. मालूम हो कि रवि चौरसिया के बयान पर साकची थाना में 15 मार्च 2008 को फायरिंग करने के लिए अखिलेश सिंह, विक्रम शर्मा, बंटी जायसवाल समेत अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. पुलिस की जांच में रवि चौरसिया पर फायरिंग में सुधीर दुबे, बंटी जायसवाल, अखिलेश सिंह, विक्रम शर्मा, उमेश सिंह और मनोरंजन सिंह उर्फ लल्लू का नाम आया था. अखिलेश सिंह के मामले में डिस्चार्ज की अरजी मंजूर कर ली गयी है जबकि एक आरोपी उमेश सिंह मर चुका है.

विक्रम पर दर्ज सभी मामले में चार्जशीट : विक्रम शर्मा के खिलाफ जयराम सिंह की हत्या, आशीष डे की हत्या, अखिलेश सिंह की गिरफ्तारी के बाद नारेबाजी करने, साकची हाजत से अखिलेश को भागने में मदद करने, रवि चौरसिया के घर और बर्मामाइंस में सत्येंद्र सिंह की ससुराल में फायरिंग करने के मामले में भी आरोपी है.

3.50 करोड़ लोन लेकर शुरू किया क्रशर
अदालत से जेल जाने से पूर्व विक्रम शर्मा ने बताया कि वर्ष 2008 में उसने शहर छोड़ दिया था. शहर छोड़ने के बाद वह काशीपुर अपने गांव गया. काशीपुर में पुस्तैनी जमीन के दस्तावेज को वर्ष 2013 में आइसीआइसीआइ बैंक में गिरवी रखकर 3.50 करोड़ रुपये लोन लिया. इस राशि में से 1.50 करोड़ की लागत से काशीपुर में क्रशर खोला. शेष दो करोड़ रुपये कारोबार में रोलिंग के लिए रखे. विक्रम ने कहा कि अब पत्नी प्लांट की देखभाल करेगी. उसने अन्य धंधों में भी रुपये लगाने की बात बतायी.
पुलिस ने विक्रम शर्मा के कारोबार से संबंधित कई दस्तावेज जब्त किया है जिसकी जांच हो रही है. राजनीति में आना चाहता था अखिलेश, बड़ा नेता दे रहा था मदद : विक्रम ने बताया कि वर्ष 2015 में पे रोल पर अखिलेश दो बार बाहर निकला और फिर जमानत लेकर शहर से बाहर चला गया. इस दौरान वह क्षत्रिय महासभा का अध्यक्ष बना. अध्यक्ष बनने के बाद अखिलेश ने मोबाइल से संपर्क कर राजनीति में आने की इच्छा जतायी थी. वह कह रहा था कि अपराध की दुनिया को छोड़ देगा. इसके बाद अक्तूबर माह में अखिलेश देहरादून उसके घर पर आया. उसने बताया था कि एक बड़ा राजनीतिज्ञ उसकी मदद कर रहा है, जिनसे प्रभावित होकर वह अपराध की दुनिया छोड़ देगा.
जिंदगी में पांच लाख रंगदारी किसी से नहीं मांगी : गोलमुरी थाना में स्क्रैप व्यापारियों से 5 लाख रंगदारी मांगने के दर्ज मामले पर अखिलेश विक्रम को बताया था कि पुलिस उसे फिर से फंसा रही है. उसने अपनी जिंदगी में किसी से भी इतनी कम (पांच लाख) रंगदारी नहीं मांगी.
दरवाजा खोलते साथ पिस्टल सटायी, समझ गया कि पकड़ा गया : लंबे समय से फरारी के बाद वह निश्चित होकर अपना जीवन जी रहा था. घर में ज्यादा समय रहता था. 15 अप्रैल को देहरादून स्थित दिन में घर की कॉल बेल बजी. दरवाजा खोलते साथ ही गन सटा दी गयी, तो मैं समझ गया कि पुलिस ने उसे घेर लिया है. उलीडीह थाना प्रभारी ने सबसे पहले उसके शरीर और घर में हथियार छुपाने की तलाशी ली. संतुष्ट होने के बाद उससे पूछताछ की. इस दौरान देहरादून की पुलिस भी मौजूद थी.
उपेंद्र सिंह से मेरी अच्छी दोस्ती थी : विक्रम के मुताबिक जब वह शहर में था उस वक्त बागबेड़ा के उपेंद्र सिंह से मेरी अच्छी दोस्ती थी. कभी भी ऐसा नहीं लगा कि अखिलेश और उपेंद्र के बीच गैंगवार छिड़ जायेगी. अखिलेश सिंह ने भी कभी उपेंद्र सिंह से दुश्मनी की बात नहीं बतायी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें