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दिल्ली एमसीडी चुनाव : 272 सीट पर 16 प्रत्याशी उतार कर बदलाव लायेगी माकपा!

मिथिलेश झाएक समय था, जब वामदल देश में मुख्य विपक्षी पार्टी की भूमिका में होते थे. पश्चिम बंगाल जैसे बड़े प्रदेश में लंबे अरसे तक वामदलों ने शासन किया. त्रिपुरा और केरल में वह सत्ता में रही. 2009 के संसदीय चुनाव से पहले संसद में भी उसका दबदबा होता था. वामदलों की एक घटक पार्टी […]

मिथिलेश झा
एक समय था, जब वामदल देश में मुख्य विपक्षी पार्टी की भूमिका में होते थे. पश्चिम बंगाल जैसे बड़े प्रदेश में लंबे अरसे तक वामदलों ने शासन किया. त्रिपुरा और केरल में वह सत्ता में रही. 2009 के संसदीय चुनाव से पहले संसद में भी उसका दबदबा होता था. वामदलों की एक घटक पार्टी है मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा).

माकपा ने दिल्ली नगर निगम चुनावों में कांग्रेस, भारतीयजनता पार्टी और आम आदमी पार्टी को टक्कर देने की बात कही है. पार्टी ने ट्वीट करके कहा है कि माकपा ही एकमात्र पार्टी है, जो लोगों को विकल्प दे सकती है. पार्टीलोगों को यह बताने की कोशिश रही है कि यदि उसके सभी 16 उम्मीदवार जीत जायेंगे, तो मानो दिल्ली की सूरत बदल जायेगी.

दिल्ली एमसीडी में भाजपा, कांग्रेस और ‘आप’ जैसे दलों का विकल्प बनने की बात करनेवाली इस पार्टी ने सिर्फ 16 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं. हालांकि, नगर निगममेंसीटों की कुल संख्या 272 है. पार्टी ने ट्वीट किया है, ‘दिल्ली एमसीडी चुनावों के लिए माकपा के 16 उम्मीदवार. सिर्फ वामदल ही लोगों को सही विकल्प दे सकता है.’

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ट्वीट के साथ पार्टी ने एक पोस्टर भी पोस्ट किया है. इस पर 16 उम्मीदवारों की तसवीरें हैं. ऊपर लिखा है, ‘सीपीआइ (एम) के 16 उम्मीदवार को दिल्ली नगर निगम चुनाव में अपना कीमती वोट देकर विजयी बनायें.’

ट्विटर पर सक्रिय लोग इसका खूब आनंद ले रहे हैं. तरह-तरह के कमेंट भी कर रहे हैं. कोई कह रहा है कि विधानसभा चुनावों मेंमाकपा ने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी कोअपना समर्थन दिया था, तो कोई उसे एमसीडी चुनावों में भाजपा के लिए रास्ता आसान करनेवाली पार्टी बता रहा है.

बहरहाल, सोशल मीडिया पर सक्रिय लोग तरह-तरह की बात करते ही रहते हैं.इसलिए उनकीटिप्पणी को गंभीरता से नहीं भी लें, तो भी यह बात किसी के गले नहीं उतर सकती कि 272 सीटोंवाले दिल्ली नगर निगम में माकपा अपने 16 उम्मीदवारों के जरिये लोगों को कौन-सा विकल्प देने की बात कर रही है.

अव्वल तो पार्टी के सभी 16 उम्मीदवार जीतेंगे नहीं. यदि जीत भी गये, तो क्या महज 16 पार्षदों के जरिये माकपा अपना मेयर बना लेगी! दूर-दूर तक ऐसी भी कोई उम्मीद नहीं दिखती कि माकपा के 16 पार्षदों के समर्थन के बदले कोई पार्टी उसका मेयर बना दे. यही वजह है कि नेटिजंस पार्टी के इस ट्वीट पर तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं.

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