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रांची व जमशेदपुर में एडवांस लैब लगायेगा सुरक्षा डायग्नोस्टिक

कैंसर जांच के लिए पूर्वी भारत में पहली बार शुरू किया एनजीएस जांच कोलकाता : कोलकाता स्थत सुरक्षा डायग्नोस्टिक्स ने राजारहाट में 60 करोड़ रुपये के निवेश से स्टेट-ऑफ-द-आर्ट डायग्नोस्टिक लैब बनाने की घोषणा की. इसके साथ ही झारखंड के रांची व जमेशदपुर में, ओडिशा के भुवनेश्वर में तथा असम के गुवाहटी में चार एडवांस […]

कैंसर जांच के लिए पूर्वी भारत में पहली बार शुरू किया एनजीएस जांच

कोलकाता : कोलकाता स्थत सुरक्षा डायग्नोस्टिक्स ने राजारहाट में 60 करोड़ रुपये के निवेश से स्टेट-ऑफ-द-आर्ट डायग्नोस्टिक लैब बनाने की घोषणा की. इसके साथ ही झारखंड के रांची व जमेशदपुर में, ओडिशा के भुवनेश्वर में तथा असम के गुवाहटी में चार एडवांस लैब बनाने व पूर्वी भारत में अगले छह माह में 500 कलेक्शन सेंटर खोलने की घोषणा की. जमशेदपुर में जमीन की पहचान कर ली गयी है. चार एडवांस लैब बनाने में लगभग 35 से 40 करोड़ रुपये के निवेश होने की संभावना है.

15 अप्रैल को 50 कलेक्शन सेंटर खोले गये

सुरक्षा डायग्नोस्टिक्स की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रितु मित्तल का कहना है कि छह माह में 500 कलेक्शन सेंटर खोले जायेंगे. इनमें से 15 अप्रैल को 50 कलेक्शन सेंटर खोले गये हैं तथा बाकी 450 कलेक्शन सेंटर अगले छह माह में खोले जायेंगे. उन्होंने कहा कि इनमें से 150 खुद सुरक्षा द्वारा खोले जायेंगे, जबकि बाकी फ्रेंचाइजी दिया जायेगा.

पूर्वी भारत में पहली बार एनजेएस जांच

सुरक्षा डायग्नोस्टिक्स के निदेशक डॉ सोमनाथ चटर्जी ने मंगलवार को यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सुरक्षा डायग्नोस्टिक पहली बार पूर्वी भारत में नेस्ट जेनरेशन सेक्यूसिंग (एनजेएस) जांच शुरू की है. इससे कैंसर रोग की पहचान व उनकी चिकित्सा में काफी मदद मिलती है. इसके माध्यम से मानव को जेनोम को एक दिन में क्रमबद्ध किया जा सकता है, जिससे कैंसर रोग के कारक की सही पहचान की जा सकती है. उन्होंने कहा कि पहली बार किसी डॉयग्नोस्टिक लैब को कॉलेज ऑफ अमेरिकन पैथोलॉजी (सीएपी) से प्रमाणपत्र मिला है. इसके अतिरिक्त एनएबीएल तथा एनएबीएम का एक्रीडिटेशन भी है.

अमेरिकी लेब्रोटरी मायो से समझौता की कोशिश

डॉ चटर्जी ने बताया कि वे लोग अमेरिकी लेबोरेटरिज मायो मेडिकल लेबोरेटरिज से समझौता के लिए बातचीत कर रहे हैं. मायो भारतीय बाजार में प्रवेश के इच्छुक है तथा इस बाबत दो बार बातचीत हो चुकी है. अगली बैठक जून में प्रस्तावित है, हालांकि अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है. वे लोग बातचीत कर रहे हैं. यदि मायो भारतीय बाजार में प्रवेश करता है, तो मायो के टेस्ट भी यहां शुरू होगा, जो सस्ता भी होगा. मायो 70 देशों में काम कर रहा है तथा लगभग 3500 तरह के टेस्ट व पैथोलॉजिकल सेवाएं दे रहा है. इसके पहले सुरक्षा ने ऑबीमेड के साथ समझौता किया था. सुरक्षा में ऑबिमेड की भागीदारी 30 फीसदी की है तथा कंपनी फिर से आइपीओ जारी करने पर विचार कर रही है, लेकिन कंपनी 51 फीसदी भागीदारी अपने पास रखेगी.

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