अब तक महज दो वार्डों में ही हुई है शुरुआत
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हर घर नल का जल योजना आरा में पिछड़ी
अब तक महज दो वार्डों में ही हुई है शुरुआत आरा : प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना हर घर नल का जल आरा नगर निगम में अब तक पिछड़ रही है. महज दो वार्डों में ही यह योजना धरातल पर उतर पायी है. हालांकि सरकार द्वारा इस पर काफी जोर है ताकि सभी को पीने […]
आरा : प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना हर घर नल का जल आरा नगर निगम में अब तक पिछड़ रही है. महज दो वार्डों में ही यह योजना धरातल पर उतर पायी है. हालांकि सरकार द्वारा इस पर काफी जोर है ताकि सभी को पीने का पानी सुविधाजनक तरीके से मिल सके. इस योजना को गांव में भी लागू किया जाना है, पर निगम का दर्जा पाये आरा में ही इस योजना की हवा निकल चुकी है, तो गांवों की स्थिति समझा जा सकता है. आरा नगर में 45 वार्ड हैं.
सभी वार्डों में कम- से- कम एक समरसेबल पंप योजना के माध्यम से 100 घरों में पानी उपलब्ध कराना था, पर निगम प्रशासन के निष्क्रियता के कारण अब तक यह संभव नहीं हो पाया है. गरमी के दिनों में तो कई मुहल्लों में पानी का लेयर इतना नीचे चला जाता है कि चापाकल तक सूख जाते हैं. इस महत्वकांक्षी योजना से लोगों को उम्मीद जगी थी पर सितंबर, 2016 में लागू इस योजना का लाभ अब तक लोगों को नहीं मिल पाया. जबकि प्रति वार्ड में इस योजना के लिए 10 लाख से अधिक की राशि आवंटित की जानी थी. निगम प्रशासन के ढुलमुल रवैये का नतीजा यह है कि कहीं समरसेबल पंप तो लग गया है पर पाइप नहीं लगाया गया है.
कई वार्ड में उखड़ गये है पाइप, राशि की हो रही बरबादी : हर घर नल का पानी योजना के तहत कई वार्डों में लगाये गये पाइप नाला बनाने के क्रम में उखाड़ दिये गये हैं. इससे पाइप बिछाने पर किये गये लाखों रुपये का खर्च बर्बाद हो गया. वार्ड नंबर 14 में पकड़ी चौक के पास योजना के तहत पाइप बिछा दिया गया था, पर निगम द्वारा नाला निर्माण के क्रम में पाइप उखाड़ दिया गया. इससे पाइप काफी क्षतिग्रस्त हो गया, जिसका उपयोग करना नामुकिन है.
वहीं रामगढ़िया के पास भी पाइप उखड़ने से योजना का मूर्त रूप लेना संदिग्ध हो गया है.
10 लाख से पूरी करनी थी योजना
नगर निगम के सभी 45 वार्डों को इस योजना के लिए 10 लाख से अधिक की राशि देनी थी. पर कई वार्डों में केवल समरसेबल पंप लगाया गया, तो कई वार्डों में केवल पाइप बिछा कर छोड़ दिया गया. यह निगम की लापरवाही का जीता जागता उदाहरण है. लापरवाही के कारण सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मूर्त रूप नहीं ले सकी.
महज दो वार्डों में चालू हो पायी योजना
क्या कहते हैं नगरवासी
सरकार घोषणा करती है पर अधिकारियों द्वारा उस पर अमल नहीं किया जाता है. नगर निगम लोगों को सुविधा मुहैया कराने में संवदेनशील नहीं है.
विंकटेश पांडेय
पानी की बहुत किल्लत है गरीबों के लिए यह और भी कठिन काम है. चापाकल की संख्या काफी कम है. राज्य सरकार के इस योजना से उम्मीद जगी थी पर अब तक नौ माह बीतने के बाद भी यह योजना चालू नहीं हो पायी.
दुर्गा यादव
क्या कहते हैं अधिकारी
हर वार्ड में योजना को चालू करने का प्रयास किया गया है. पर कुछ कठिनाइयों के कारण यह मूर्त रूप नहीं ले सका है. अभी भी लगातार प्रयास है कि इसे अविलंब चालू किया जाये.
प्रमोद कुमार, नगर आयुक्त
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