अडाणी के पावर प्लांट का विरोध. आज से किसानों के साथ अनशन करेंगे प्रदीप यादव, बोले
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गिरफ्तारी हुई, तो जेल में भी जारी रहेगा सत्याग्रह
अडाणी के पावर प्लांट का विरोध. आज से किसानों के साथ अनशन करेंगे प्रदीप यादव, बोले तीन मांगों काे लेकर गोड्डा के गायघाट में बैठेंगे अनशन पर दुमका : गोड्डा जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मोतिया में 5 मार्च को अडाणी के पावर प्लांट के लिए हुई पर्यावरणीय जन सुनवाई के दौरान पुलिस पार्टी […]
तीन मांगों काे लेकर गोड्डा के गायघाट में बैठेंगे अनशन पर
दुमका : गोड्डा जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मोतिया में 5 मार्च को अडाणी के पावर प्लांट के लिए हुई पर्यावरणीय जन सुनवाई के दौरान पुलिस पार्टी पर पथराव मामले में वारंटी पोड़ैयाहाट विधायक सह झाविमो के प्रधान महासचिव प्रदीप यादव ने 16 अप्रैल से पोड़ैयाहाट के गायघाट में हजारों किसानों के साथ अनशन करने का एलान किया है.
गिरफ्तारी हुई, तो…
तारापीठ से दुमका लौटने के क्रम में मीडिया से बातचीत में श्री यादव ने कहा कि हजारों किसानों के साथ यह अनशन तीन प्रमुख मांगों को लेकर किया जायेगा. इनमें उनकी पहली मांग अडाणी के इस पावर प्लांट के लिए भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई पर रोक, पूरे घटनाक्रम यथा जमीन का दाम करने से लेकर अडाणी को विशेष छूट देने तथा पर्यावरणीय जन सुनवाई मामले की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच कराये जाने की है. कहा कि इस पावर प्लांट को लेकर सरकार का प्रत्येक कदम अवैधानिक है. यहां प्लांट लग भी जाता है तो यहां उत्पादित होनेवाली बिजली बंगलादेश ढाका जायेगी.
श्री यादव ने कहा कि पावर प्लांट बैठाने लायक क्षेत्र गोड्डा नहीं है. इस इलाके में घनी आबादी बसी हुई है. इससे काफी लोग विस्थापित होंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि इस पावर प्लांट के लिए जो जन सुनवाई हुई, वह लाठी-गोली के बल पर की गयी और प्रभावितों को इससे दूर रखा गया था. सरकार ने दो जांच समितियां भी बनायी, बावजूद भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई शुरु कर दी गयी. उन्होंने कहा कि वे किसानों के हित के लिए अंतिम मुकाम तक आंदोलन करेंगे. जबतक कंपनी वापस नहीं जायेगी, तबतक आंदोलन चलता रहेगा. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर न्यायालय के वारंट के अनुरुप उन्हें वहां अनशन के दौरान गिरफ्तार कर लिया जाता है, तो भी वे जेल में अपना अनशन का आंदोलन जारी रखेंगे.
जहां कठोर होना चाहिए, वहां सरकार कठोर नहीं
श्री यादव ने कहा कि जहां सरकार को कठोर होना चाहिए, वहां सरकार कठोर नही है. पूरा जमशेदपुर शहर मुख्यमंत्री के भाई और बेटा से परेशान है. घर में घुस कर उनके बेटे मारपीट करते हैं, दो दिनों तक एफआइआर नहीं होता. जब सिख समुदाय के लोग सड़क पर उतरते हैं, तब मजबूरन एफआइआर होता है. वहां सरकार दवाब नहीं बनाती है. प्रशासन वारंट नहीं निर्गत कराती. एक नहीं वहां के दर्जनों ऐसे उदाहरण हैं. उनके कई विधायक ऐसे कुकृत्यों को अंजाम देते हैं,
पर उनपर लगे आरोप व मुकदमें वापस लेने का प्रयास होता है, पर जो जनता के लिए लडता है, किसानों के लिए लड़ता है. उनपर सरकार वारंट निकलवाती है. यह इस सरकार की दोरंगी नीति है. वार्ता के दौरान जेवीएम के केंद्रीय समिति सदस्य पिंटू अग्रवाल व जिला अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह बिट्टू मौजूद थे.
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