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पहले व्यवस्था सुधारें, फिर दर बढ़ायें

उपभोक्ताओं के सहयोग से ही व्यवस्था संचालित करने में मदद मिलेगी मेदिनीनगर : झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा गुरुवार को टाउनहाल में जनसुनवाई का आयोजन किया गया. झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित बिजली दर की बढ़ोतरी के मामले में लोगों से राय ली गयी. जनसुनवाई कार्यक्रम की अध्यक्षता झारखंड राज्य विद्युत नियामक […]

उपभोक्ताओं के सहयोग से ही व्यवस्था संचालित करने में मदद मिलेगी
मेदिनीनगर : झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा गुरुवार को टाउनहाल में जनसुनवाई का आयोजन किया गया. झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित बिजली दर की बढ़ोतरी के मामले में लोगों से राय ली गयी. जनसुनवाई कार्यक्रम की अध्यक्षता झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के सदस्य आरएन सिंह ने की. विभाग के पदाधिकारियों ने जनसुनवाई कार्यक्रम में उपभोक्ताओं को बताया कि सात वर्ष से झारखंड में बिजली की दर में बढ़ोतरी नहीं की गयी है. जितना ऊर्जा खर्च होती है, उसके अनुरूप आय के रूप में राजस्व प्राप्त नहीं होता है. कम राजस्व के कारण व्यवस्था संचालित करने में परेशानी हो रही है. देश के दूसरे राज्यों में बिजली की जो दर निर्धारित है, उससे काफी कम झारखंड में बिजली की दर है.
बिजली व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए बिजली की दर में वृद्धि करना आवश्यक है. इसलिए बिजली की दर में ढाई गुणा वृद्धि करने का प्रस्ताव लाया गया है. उपभोक्ताओं को चाहिए की इस प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दें, ताकि नये दर को लागू किया जा सके. उपभोक्ताओं के सहयोग से ही व्यवस्था संचालित करने में सहयोग होगी. जनसुनवाई कार्यक्रम में आयोग के सदस्य के पीए एके मेहता, विभाग के मुख्य अभियंता एसके ठाकुर, महाप्रबंधक उमाकांत सिंह, पलामू के अधीक्षण अभियंता विभाषचंद्र पाल, गढ़वा के अधीक्षण अभियंता धनंजय कुमार, शहरी क्षेत्र के सहायक अभियंता धीरेंद्र कुमार, कनीय अभियंता ओमप्रकाश लाल सहित अन्य लोग मौजूद थे.
जन सुनवाई में उठे जो सवाल: जन सुनवाई में लोगों ने लचर बिजली व्यवस्था को लेकर सवाल उठाये. कहा कि दर बढ़ाना यदि जरूरी है, तो वह बढ़े. लेकिन इससे पहले व्यवस्था में सुधार हो, इस पर ध्यान दिया जाये. यदि सुधार होगा तो लोगों को भी बिजली बिल का भुगतान करने में सहूलियत होगी. जिला परिषद उपाध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने कहा कि किसी भी व्यवसाय में पहले पूंजी निवेश किया जाता है, तब लाभ की बात सोची जाती है. यदि विभाग चाहता है कि वह घाटे से उबरे, तो सबसे पहले वह खर्च कर व्यवस्था में सुधार करे और उसके बाद दर बढ़ाये तो बेहतर होगा. बिजली दर निर्धारण करने से पहले इलाके की आर्थिक स्थिति का सर्वे भी जरूरी है. अभी भी कई गांव-टोले ऐसे है, जहां बिजली नहीं पहुंची है.
लेकिन वहां भी लोगों को बिल मिल रहा है. उपभोक्ता पंकज पाठक ने कहा कि पर्याप्त बिजली दें और उसके बाद बढ़ा दर लें. किसी को कोई परेशानी नहीं है. पर्याप्त बिजली नहीं रहने के कारण उपभोक्ता को बिजली के लिए जेनरेटर का सहारा लेना पड़ता है इस पर खर्च अधिक आता है. जनसुनवाई में लायंस क्लब के अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह डिंपल, भाजपा के परशुराम ओझा,पलामू जिला व्यवसायी संघ के अध्यक्ष प्रभात अग्रवाल,अख्तर जमा, पलामू चेंबर आफ कॉमर्स के राजदेव उपाध्याय, जदयू के जिलाध्यक्ष राजनारायण सिंह पटेल,संतोष तिवारी सहित कई लोगों ने बिजली व्यवस्था को लेकर सवाल उठाया और बिजली की दर में वृद्धि करने के प्रस्ताव को अव्यवहारिक व अनुचित बताया.

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