पटना : जन अधिकार पार्टी के प्रमुख और सांसद पप्पू यादव ने प्रदर्शन के दौरान बिहार पुलिस के कई अधिकारियों पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाकर एक नया बवाल खड़ा कर दिया है. जानकारी के मुताबिक, पप्पू यादव ने एएसपी राकेश दूबे, डीएसपी कैलाश गुप्ता, शिवली नोमानी सहित 4 पुलिस अधिकारियों पर यह आरोप लगाया है. इससे पूर्व मंगलवार को पप्पू यादव ने हथकड़ी लगाने के आरोप में निलंबित पुलिसकर्मियों को बहाल करने की मांग को लेकर भूख हड़ताल शुरू कर दी थी. सांसद ने राज्यपाल को पत्र लिखा था और पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से बहाल करने की मांग की थी. गौरतलब हो कि 2 महीने पूर्व विधि व्यवस्था के एक मामले में मधेपुरा से सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को हथकड़ी पहनाकर पेश करने के मामले में 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था.
विधानसभा घेराव में पप्पू ने लिया था भाग
उल्लेखनीय है कि उक्त मामले में एक अप्रैल को प्रथम श्रेणी की न्यायिक दंडाधिकारी संगीता कुमारी की अदालत में पप्पू यादव को पेश किये जाने पर दंडाधिकारी ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद पप्पू की जमानत याचिका खारिज करते हुए उन्हें न्यायिक हिरासत में आगामी 13 अप्रैल तक के लिए भेजे जाने का निर्देश दिया था. गत 24 जनवरी को विधि व्यवस्था को लेकर पटना शहर के गांधी मैदान में दर्ज एक मामले में पुलिस ने सांसद पप्पू यादव को गत 27 मार्च की रात्रि में गिरफ्तार किया था. जन अधिकार पार्टी के संरक्षक पप्पू यादव ने 27 मार्च को बिहार कर्मचारी चयन आयोग में प्रश्नपत्र लीक मामले, बिजली दर में बढ़ोतरी सहित अन्य मामलों को लेकर जन अधिकार मोर्चा द्वारा पटना में आयोजित धरने में भाग लिया था.
लोकसभा में भी उठा था मामला
उनके कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के दौरान पथराव होने से प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था. पप्पू को एक अप्रैल को अदालत में पेश किये जाने के लिए पटना स्थित बेऊर जेल से कैदियों के वाहन के जरिये हाथ में हथकड़ी लगाकर लाया गया और उनकी जमानत की याचिका खारिज होने पर उन्हें फिर से जेल भेज दिया गया था