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अंकुर बायोकेम अगलगी मामला : ग्रामीणों का उग्र प्रदर्शन, सीओ, थानेदार समेत दर्जनो पुलिसकर्मी घायल, चलानी पड़ी गोलियां

मंगलवार को हुई अगलगी की घटना के बाद आपे से बाहर हुए लोग 15 राउंड फायरिंग से थर्राया इलाका आततायियों ने की फैक्टरी में तोड़फोड़ प्रतिनिधि, निरसा अंकुर बायोकेम फैक्टरी में मंगलवार को लगी आग के बाद बुधवार को दिन भर खदेड़ा-खदेड़ी का दौर रहा. उग्र कम से कम दो हजार ग्रामीणों ने फैक्टरी पर […]

मंगलवार को हुई अगलगी की घटना के बाद आपे से बाहर हुए लोग

15 राउंड फायरिंग से थर्राया इलाका

आततायियों ने की फैक्टरी में तोड़फोड़

प्रतिनिधि, निरसा

अंकुर बायोकेम फैक्टरी में मंगलवार को लगी आग के बाद बुधवार को दिन भर खदेड़ा-खदेड़ी का दौर रहा. उग्र कम से कम दो हजार ग्रामीणों ने फैक्टरी पर पथराव किया. आंदोलन के दौरान लोगों ने पुलिस से हथियार छीनने का भी प्रयास किया. सुरक्षा में लगे दर्जन भर पुलिसकर्मी समेत थानेदार परमेश्वर प्रसाद व अंचलाधिकारी कृष्ण कुमार मरांडी घायल हो गये. उनका इलाज स्थानीय चिकित्सकों ने परिसर में किया.

इस दौरान कम से कम 15 राउंड फायरिंग की गयी, हालांकि पुलिस फायरिंग से इनकार कर रही है. समाचार लिखे जाने तक वहां का माहौल पूरी तरह तनावपूर्ण है, लेकिन पुलिस व्यवस्था तगड़ी रहने के कारण रात को परिसर से हट गये हैं, वे दूर जाकर प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. इस दौरान ग्रामीण एसपी, एडीएम राकेश कुमार, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर राकेश दुबे, डीएसपी अशोक कुमार तिर्की, मुकेश महतो, बीडीओ निरसा मुकेश बाउरी, एग्यारकुंड बीडीओ अनंत कुमार आदि दो सौ की संख्या में जैप के जवान व अधिकारी जमे हुए हैं.

सभी ग्रामीण जहरीली गैस फैलानी वाली केमिकल फैक्टरी को बंद करने की मांग कर रहे थे. लोग इतने उग्र थे कि किसी की नहीं सुन रहे थे. इस दौरान पत्रकारों के साथ भी दुर्व्यवहार किया.

कैसे क्या हुआ

बुधवार की सुबह होते ही इलाके के सैकड़ों की संख्या में लोग फैक्टरी गेट के पास पहुंचे और पथराव करने लगे. वे विस्फोट की घटना के लिए प्रबंधन को जिम्मेवार ठहरा रहे थे. उनका कहना था कि मंगलवार को गांवों में पलायन की स्थिति उसी फैक्टरी में हुई अगलगी के कारण हुई. इसलिए इसे बंद कर दिया जाना चाहिए.

इसके बाद सूचना पाकर निरसा पुलिस पहुंची. थानेदार से लोग उलझ गये. मजबूरन पुलिस ने बल प्रयोग किया. फिर वहां पुलिस का कैंप जारी रहा. इसी बीच पूर्व मंत्री मन्नान मल्लिक पहुंचे और लोगों को समझाया कि फैक्टरी का रहना जरूरी है, उससे रोजगार मिलता है. लोगों से मिलकर वह चले गये. फिर दोपहर लगभग एक बजे माइकिंग कर लोगों को एकजुट किया गया कि शाम चार बजे मीटिंग तेतुलिया में होगी. लगभग 12गांवों में यह प्रचार किया गया.

इसके बाद चार बजे बैठक शुरू हुई. बैठक में लगभग दो हजार लोग मौजूद हुए. बैठक चल ही रही थी कि कतिपय उद्दंड युवक फैक्टरी का पानी कनेक्शन काटने के लिए तेतुलिया मोड़ पहुंच गये. हालांकि कनेक्शन काटने में वे विफल रहे. पुन: वे सभास्थल आये और लोगों को उग्र बयान दिया कि फैक्टरी पर ही हमला किया जाये. लोग उनकी बातों में आ गये और परंपरागत हथियारों से लैस होकर चारों ओर से फैक्टरी को घेर लिया और पथराव करने लगे. पथराव दो घंटे तक होता रहा. उसी में सीओ, थानेदार सहित 12 पुलिसकर्मी घायल हो गये. बचाव के लिए पुलिस को 15 राउंड तक हवाई फायरिंग की. हालांकि ग्रामीण एसपी एचपी जनार्दनन ने पुलिस फायरिंग की बात से इनकार किया है.

ये हुए घायल

सीओ, थानेदार के अलावा आरक्षी उपेंद्र कुमार, जीतेंद्र कुमार तिवारी, जैप जवान दीपक कुमार पांडेय, अवधेश सिंह, रावण प्रसाद सिंह, प्रदीप कुमार यादव, ब्रजेश सिंह आदि.

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