प्रतिनिधि, गुमला
गुमला के रायडीह प्रखंड में पिता व पुत्र का रिश्ता शर्मसार हुआ. बीमार पिता का जवान बेटों ने इलाज नहीं कराया. इलाज के आभाव में वृद्ध पिता की मौत हो गयी. पिता के मरने के बाद बेटों ने मृत पिता का शव को छोड़कर भाग गये. यहां तक कि अपनी बेसहारा मां को भी अनजान गांव में छोड़ दिया. महिला अपने पति के शव के समक्ष रातभर रोते रही. बुधवार की सुबह को रायडीह थाना की पुलिस ने शव को कब्जे में कर पोस्टमार्टम कराया. वहीं शव को अंतिम संस्कार भी स्थानीय प्रशासन व समाज सेवियों की पहल से की गयी. जबकि वृद्ध महिला अभी रायडीह में आश्रय ली हुई है.
जानकारी के अनुसार दिलीप भुइयां खानाबदोश हैं. जहां ठिकाना मिलता है. वहीं रूक जाते हैं और अपनी जीविका चलाते हैं. कुछ दिन पहले दिलीप भुइयां अपनी पत्नी फुलटुली, बेटा बिरसाह भुइयां, रामसाह भुइयां व बहू के साथ रायडीह प्रखंड के मांझाटोली में आश्रय लिये हुए थे. शंख मोड़ पेट्रोल पंप के समीप तंबू गाड़कर रह रहे थे. ये लोग मधुरस बेचकर जीवन यापन करते हैं.
पत्नी फुलटुली ने बताया कि कुछ दिनों से उसके पति दिलीप बीमार थे. उसके पास पैसा नहीं था. बेटों से इलाज कराने के लिए कहा तो इलाज नहीं कराया. इलाज के आभाव में मंगलवार की रात को दिलीप की मौत हो गयी. दिलीप की मौत के बाद उसके बेटे व बहू सामान समेटकर वहां से भाग गये. फुलटुली ने कहा कि दिलीप का अंतिम संस्कार करने के लिए उसने बेटों से गुहार लगायी. परंतु किसी ने नहीं सुना और वे लोग अहले सुबह शव व कुछ कपड़ा देकर चले गये.
बुधवार की सुबह को जब फुलटुली शव के समक्ष बैठकर रो रही थी तो आसपास के लोगों की नजर पड़ी. खेत में चटाई पर शव पड़ा हुआ था. बगल में फुलटुली बैठी हुई थी और समीप में कुछ कपड़ा था. स्थानीय लोगों ने पहले दिलीप की मौत की जानकारी ली. इसके बाद इसकी सूचना पुलिस को दी गयी. रायडीह थाना प्रभारी राजेश सिंह ने पुलिस अधिकारी को भेजकर शव को कब्जे में कर पोस्टमार्टम कराया. वहीं स्थानीय लोग फुलटुली के आर्थिक सहयोग की पहल कर रहे हैं.