नयी दिल्ली : भारत और बांग्लादेश की कंपनियों ने सोमवार को नौ अरब डॉलर से अधिक मूल्य के करार किये. इन समझौतों का मकसद दोनों देशों के बीच बिजली, तेल एवं गैस के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना है. बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना की मौजूदगी में इन सहमति ज्ञापनों (एमओयू) पर दस्तखत किये गये. इनमें एक करार बांग्लादेश इंडिया फ्रेंडशिप पावर कंपनी (बीआइएफपीसीएल) और भारत के एक्जिम बैंक के बीच बांग्लादेश के रामपाल में 1.6 अरब डॉलर की 1,320 मेगावॉट की मैत्री बिजली परियोजना शुरू करने की योजना है.
एक अन्य एमओयू रिलायंस पावर और बिजली, ऊर्जा व खनिज संसाधन मंत्रालय के बीच मेघनाघाट में 3,000 मेगावॉट की बिजली परियोजना के पहले चरण से बिजली खरीद का एक अरब डॉलर का करार शामिल है. परियोजना पर तीन अरब डॉलर का निवेश किया जाना है. एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम (एनवीवीएन) और बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड के नेपाल से बिजली आपूर्ति का 3.15 अरब डॉलर का करार हुआ. कार्यक्रम में अडाणी पावर (झारखंड) और बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड के बीच दो अरब डॉलर के करार पर दस्तखत किये गये. अडाणी पावर (झारखंड) और पावर ग्रिड कंपनी बांग्लादेश के बीच भी करार हुआ. पेट्रोनेट एलएनजी भारत और बांग्लादेश ऑयल, गैस और मिनरल कॉरपोरेशन के बीच भी एनएनजी टर्मिनल के इस्तेमाल का करार हुआ.
बांग्लादेश की पीएम ने भारत से और व्यापार मार्ग खोलने पर जोर दिया
शेख हसीना ने कहा कि बांग्लादेश भारत संग और व्यापार मार्ग खोलने, सीमा हाट की संख्या बढ़ाने और 1965 के युद्ध के दौरान बंद कर दिये रास्तों को खोलने पर विचार कर रहा है. दोनों देश बीते कुछ साल में ‘मजबूत भरोसा व अनुकरणीय दोस्ती’ कायम कर पाये हैं. उल्लेखनीय है कि विशेष रूप से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विरोध के चलते भारत व बांग्लादेश तीस्ता जल बंटवारा समझौते को अंतिम रूप नहीं दे पाये हैं. यहां उद्योग मंडल सीआइआइ, फिक्की व एसोचैम के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री हसीना ने भारतीय उद्योगों से विशेषकर बुनियादी परियोजनाओं, बिजली एवं ऊर्जा, परिवहन, विनिर्माण, खाद्य एवं कृषि प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश करने की अपील की.
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