आरोप है कि ड्रेसर ने प्लास्टर काटने के लिए उससे रुपये मांगे. घंटों अस्पताल का चक्कर लगाने के बाद अस्पताल अधीक्षक नारायण चट्टोपाध्याय की नजर बच्चे पर पड़ी. अधीक्षक के हस्तक्षेप के बाद उसका प्लास्टर काटा गया. पीड़ित बच्चे का नाम पुष्कर दोलई है. डेढ़ महीने पहले एक दुर्घटना में उसके एक हाथ की हड्डी टूट गयी थी. डॉक्टर ने प्लास्टर कर दिया.
सोमवार को प्लास्टर हटाने का दिन था. वह अपनी मां सुनीता दोलई के साथ हावड़ा अस्पताल पहुंचा, लेकिन इमरजेंसी से लेकर ड्रेसिंग रूम तक कई बार चक्कर काटा, लेकिन प्लास्टर काटने से सभी ने इनकार कर दिया. मां के मुताबिक एक ड्रेसर ने ब्लेड देते हुए कहा कि खुद से प्लास्टर काट लो. हालांकि इस बारे में पूछे जाने पर अस्पताल अधीक्षक ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया.