लोहरदगा : सीआरपीएफ के नायकों की वीरतापूर्वक कार्यों की याद ताजा रखने एवं इसे अनुकरण करने के लिए सीआरपीएफ 158 बटालियन द्वारा एएनएम छात्रावास में शौर्य दिवस मनाया गया. मौके पर सीआरपीएफ 158 बटालियन के कमांडेंट मनोज गुप्ता ने कहा कि नौ अप्रैल को बल के प्रत्येक संस्थान में इस दिन को गर्व से मनाया जाता है.
इस अपने उन शहीद जवानों, अधिकारियों को याद कर उन्हें गौरवान्वित करते हैं. इसी दिन पाकिस्तान सीमा से सटे भारतीय क्षेत्र पर अपना दावा स्थापित करने के लिए पाकिस्तान ने अप्रैल 1965 में भारतीय सीमा चौकियों के विरुद्ध ऑपरेशन डेजर्ट हॉक चलाया था. पश्चिमी पाकिस्तान की अन्तरराष्ट्रीय सीमा पर रन आफ कच्छ में सरदार एवं टाक चौकियों का रखरखाव द्वितीय बटालियन केरीपुबल की चार कंपनियां कर रही थीं.
नौ अप्रैल को पाकिस्तानी सेना की इंफेंट्री ब्रिगेड ने केरिपुबल की कंपनियों की सरदार एवं टाक भारतीय सीमा चौकियों पर आक्रमण कर दिया. केरिपुबल के जवानों ने दृढ़तापूर्वक विरोध किया तथा आक्रमण को निष्फल कर दिया. पाकिस्तान सेना के 34 जवान मारे गये और 4 को केरिपुबल द्वारा जीवित पकड़ लिया गया था. इस कार्रवाई में केरिपुबल के 8 जवान शहीद हो गये थे और 19 पाकिस्तानी सेना द्वारा बंधक बनाये गये थे. सैनिक लड़ाई के इतिहास में यह एक अद्वितीय कार्य है जिसमें अर्धसैनिक बल की एक छोटी सी टुकड़ी के जवानों ने एक पूरे ब्रिगेड के नियोजित आक्रमण को निष्फल कर दिया. मौके पर इस वाहिनी के वीरता पदक से सम्मानित उप कमांडेंट अमरेंद्र तिवारी, मौला हुसैन, के करुनाकरण, द्वितीय कमान अधिकारी आरवी फिलिप सहित अन्य लोग मौजूद थे.