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भारत-बांग्लादेश संबंध : विकास के लिए भारत का साथ जरूरी
!!डॉ संजय भारद्वाज!! (प्राध्यापक, सेंटर फॉर साउथ एशियन स्टडीज, जेएनयू) बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत के दौरे पर हैं. बांग्लादेश की कमान दोबारा संभालने के बाद यह उनकी पहली द्विपक्षीय यात्रा है. यह दौरा भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में मजबूती लाने के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. दोनों देशों के बीच […]
!!डॉ संजय भारद्वाज!!
(प्राध्यापक, सेंटर फॉर साउथ एशियन स्टडीज, जेएनयू)
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत के दौरे पर हैं. बांग्लादेश की कमान दोबारा संभालने के बाद यह उनकी पहली द्विपक्षीय यात्रा है. यह दौरा भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में मजबूती लाने के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण समझौतों पर मुहर लगने की संभावना है.
बांग्लादेश की सत्ता में शेख हसीना के आने के बाद से ही भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों में काफी सुधार आया है. कई स्तर पर दोनों के संबंध सकारात्मक हुए हैं और खासकर बांग्लादेश को लेकर भारत की चिंताओं को हसीना सरकार ने काफी हद तक दूर किया है.कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे हैं, जिन पर बांग्लादेश ने काफी प्रगति की है. मसलन, वहां बढ़ रही कट्टरता और आतंकवाद को काबू करने में बांग्लादेश सरकार सफल रही है और सभी आतंकी ठिकानों को खत्म कर दिया. इससे भारत को उसकी पूर्वी सीमाओं से होनेवाले आतंकी खतरों से राहत मिली.
बढ़ती अलगाववादी गतिविधियों पर कार्रवाई करके शेख हसीना सरकार ने यह वादा किया था कि बांग्लादेश की धरती को भारत के खिलाफ इस्तेमाल नहीं होने देंगे, इस वादे को भी उन्होंने पूरा किया. सुरक्षा की दृष्टि से भारत के लिए बांग्लादेश बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए शेख की हसीना की यह भारत यात्रा हमारे लिए अहम है. अहम इसलिए भी है कि शेख हसीना के सत्ता में आने के समय बांग्लादेश पर चीन का काफी प्रभाव था, जिसे हसीना ने आते ही कम करने की कोशिश की और वह सफल रहीं.
साल 2011 में मनमोहन सिंह बांग्लादेश गये थे, जहां नदी जल बंटवारे को लेकर तीस्ता समझौते पर हस्ताक्षर होना था, लेकिन ममता बनर्जी के विरोध के बाद यह समझौता नहीं हो पाया था. इससे बांग्लादेश ने काफी नाराजगी जाहिर की थी. अब देखना यह है कि इस यात्रा के दौरान इस समझौते पर हस्ताक्षर होता है या नहीं. हाल के दिनों में चीन का रुझान दोबारा बांग्लादेश की तरफ काफी बढ़ने लगा था और उसने वहां निवेश करने की बात भी रखी थी. लेकिन, शेख हसीना का रुझान हमेशा भारत की ओर रहा है और इसलिए इस यात्रा से वह यह दिखाने की कोशिश करेंगी कि वे किसी भी तरह से भारत के खिलाफ जाकर चीन को अपनी ओर नहीं आने देंगी.
वहीं भारत ने भी काेशिश की है कि ठीक है कि बांग्लादेश के साथ चीन रक्षा मामलों में सहयोग कर रहा है, इसलिए भारत भी बांग्लादेश के साथ परमाणु ऊर्जा सहयोग को बढ़ायेगा. और साथ ही यह भी कहा कि हाइड्रोजन एनर्जी के क्षेत्र में भी बांग्लादेश का साथ भारत देगा. इस तरह से भारत और बांग्लादेश के रिश्ते बैलेंसे और मजबूत हो रहे हैं. शेख हसीना की यह यात्रा इन्हीं आयामों के इर्द-गिर्द रहेगी और दोनों देश साथ मिल कर आगे बढ़ेंगे. हालांकि, दोनों देशों के बीच में कोई बहुत बड़ी डील नहीं होनेवाली है, लेकिन इतना जरूर है कि निश्चित रूप ये बांग्लादेश की सरकार भारत को विश्वास में लेकर आगे बढ़ना चाहती तो है, साथ ही चीन से मिलनेवाली संभावनाओं को भी वह खोना नहीं चाहती.
बांग्लादेश में भारत के मुकाबले चीन ने कई गुना निवेश कर रखा है. वहीं रूस ने बांग्लादेश में दो हजार मेगावाट के पावर प्लांट लगा रखे हैं, जिसके मुकाबले भारत का बांग्लादेश को परमाणु ऊर्जा सहयोग बहुत कम है. इस एतबार से देखें, तो निश्चित रूप से भारत में ऐसे संसाधनों की कमी है. इसलिए भारत जिस क्षेत्र में भी बांग्लादेश को सहयोग कर सकता है, उसे सामने आकर करना ही चाहिए.
बहरहाल, भारत और बांग्लादेश के बीच आगे आनेवाले दिनों में मेरीटाइम को-ऑपरेशन, सैन्य सहयोग को रक्षा सहयोग को बढ़ावा मिलेगा और मिलिटरी ट्रेनिंग कार्यक्रमों को भी इसमें जोड़ा गया है. एक दूसरे सहयोग के मुताबिक, बांग्लादेश को भारत साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में भी मदद करने जा रहा है, ताकि काउंटर टेररिज्म और कट्टरपंथी ताकतों से लड़ा जा सकेगा. नरेंद्र मोदी अभी इस ताकतवर स्थिति में हैं कि वे बांग्लादेश को अपने एक अच्छे मित्र और पड़ोसी के रूप में पूरा का पूरा सहयोग कर सकते हैं, क्योंकि साल 2019 में शेख हसीना और नरेंद्र मोदी दोनों आम चुनाव का सामना करने जा रहे हैं. इसलिए दोनों देशों का आपसी सहयोग और रिश्ते इसी बात पर निर्भर करते हैं कि हसीना की यह यात्रा कितनी सकारात्मक रहती है. शेख हसीना को अपनी जनता को विकास की राह समझानी-दिखानी होगी और यह तभी होगा, जब उसे भारत का साथ मिलेगा.
प्रोटोकॉल तोड़ हसीना का स्वागत करने पहुंचे मोदी
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना शुक्रवार को भारत पहुंचीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिना किसी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अपने आवास से सीधे उनका स्वागत करने के लिए आइजीआइ एयरपोर्ट पहुंच गये. मोदी ने बाद में ट्वीट किया, ‘भारत के राजकीय दौरे पर आयीं बांग्लादेश की प्रधानमंत्री माननीय शेख हसीना का स्वागत करके प्रसन्नता हुई.’
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