अहमदाबाद : गुजरात में पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल के पूर्व सहयोगी चिराग पटेल ने आज कहा कि वह एक राजनीतिक दल का गठन करेंगे और इस वर्ष होने वाले प्रदेश के विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेंगे .पाटिदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) ने पिछले वर्ष अगस्त में चिराग और एक अन्य महत्वपूर्ण नेता केतन पटेल को समिति से निलंबित कर दिया था.
दोनों ने आरोप लगाया था कि हार्दिक इस आंदोलन का प्रयोग कथित रुप से अपनी व्यक्तिगत महत्वकांक्षा पूरी करने में कर रहे हैं और आंदोलन के एक वर्ष के भीतर वह करोडपति बन गये हैं. अब, चिराग ने भाजपा और कांग्रेस का राजनीतिक विकल्प मुहैया’ कराने और ओबीसी कोटा के तहत पटेल समुदाय के लिए आरक्षण के लक्ष्य से राजनीतिक दल के गठन की घोषणा की है.
उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों राजनीतिक दल पटेल समुदाय से जुडे मुद्दों को उठाने से बच रहे हैं. गुजरात में इस वर्ष के उत्तर्राद्ध में विधानसभा चुनाव होने हैं. चिराग का कहना है कि पटेल समुदाय के लिए आरक्षण प्राप्त करना और राज्य में युवाओं, महिलाओं तथा किसानों की समस्याओं को सुलझाने का एकमात्र विकल्प राजनीतिक पार्टी का गठन है.
उन्होंने कहा, कुछ वक्त से मैं राज्य के विभिन्न हिस्सों में बैठकें कर रहा हूं. मुझे एहसास हुआ कि लोगों भाजपा और कांग्रेस दोनों ही से निराश हैं. उन्होंने कहा, इसलिए, मैंने बेहतर विकल्प देने के लिए नये राजनीतिक दल के गठन का फैसला लिया है. चिराग ने कहा, दोनों दलों को मिलाकर विधानसभा में कुल 44 पटेल विधायक हैं. हालांकि, उनमें से किसी ने कभी भी आरक्षण का मुद्दा नहीं उठाया.
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, मेरा मानना है कि समुदाय को ऐसे विधायक चुनने की जरुरत है जो इस मुद्दे को विधानसभा में उठा सकें और सरकार को पटेलों को आरक्षण देने की प्रक्रिया शुरु करने पर विवश कर सकें. यह दावा करते हुए कि कई लोगों ने उनकी पार्टी में शामिल होने की इच्छा जतायी है, चिराग ने कहा कि निर्वाचन आयोग से मंजूरी मिलने के बाद वह जल्दी ही पार्टी के नाम की घोषणा करेंगे.