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एक साल में कर संग्रह से सरकारी खजाने में आया 17.10 लाख करोड़ रुपये

नयी दिल्ली : सरकार के खजाने में समाप्त वित्त वर्ष 2016-17 में तय लक्ष्य से ज्यादा 17.10 लाख करोड़ रुपये का कर संग्रह हुआ है. सरकार ने एक फरवरी, 2017 को पेश 2017-18 के बजट में पिछले वित्त वर्ष के लिए कर संग्रह 16.97 लाख करोड़ रुपये रहने का संशोधित अनुमान लगाया है. वित्त मंत्रालय […]

नयी दिल्ली : सरकार के खजाने में समाप्त वित्त वर्ष 2016-17 में तय लक्ष्य से ज्यादा 17.10 लाख करोड़ रुपये का कर संग्रह हुआ है. सरकार ने एक फरवरी, 2017 को पेश 2017-18 के बजट में पिछले वित्त वर्ष के लिए कर संग्रह 16.97 लाख करोड़ रुपये रहने का संशोधित अनुमान लगाया है. वित्त मंत्रालय ने एक वक्तव्य में कहा है कि 17.10 लाख करोड़ रुपये का कर संग्रह एक साल पहले के मुकाबले 18 फीसदी की वृद्धि दर्शाता है. एक साल पहले 2015-16 में वास्तविक कर प्राप्ति 14.55 लाख करोड़ रुपये रही थी.

राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि कुल निवल कर राजस्व संग्रह 18 फीसदी बढकर 17.10 लाख करोड़ रुपये हो गया. पिछले छह साल में यह सबसे ज्यादा है. प्रत्यक्ष कर संग्रह अप्रैल-मार्च अवधि में 14.2 फीसदी बढ़कर 8.47 लाख करोड़ रुपये, अप्रत्यक्ष कर संग्रह 22 फीसदी बढ़कर 8.63 लाख करोड़ रुपये हो गया.

मंत्रालय के अनुसार, वर्ष 2016-17 में निवल प्रत्यक्ष कर संग्रह 8.47 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो वर्ष के लिए रखे गये संशोधित अनुमान की सौ फीसदी प्राप्ति है. इसी प्रकार मार्च 2017 तक अप्रत्यक्ष कर संग्रह संशोधित लक्ष्य का 101.35 फीसदी रहा है. अप्रत्यक्ष कर संग्रह के लिए 8.5 लाख करोड़ रुपये का संशोधित अनुमान लगाया गया.

वर्ष के दौरान सकल राजस्व संग्रह के मामले में कंपनी कर प्राप्ति 13.1 फीसदी जबकि व्यक्तिगत आयकर में 18.4 फीसदी की वृद्धि रही. हालांकि, रिफंड समायोजन के बाद कंपनी कर में निवल वृद्धि 6.7 फीसदी और व्यक्तिगत आयकर में 21 फीसदी वृद्धि रही है. वर्ष के दौरान अप्रैल 2016 से मार्च 2017 के बीच कुल 1.62 लाख करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया गया. यह एक साल पहले इसी अवधि में किये गये रिफंड से 32.6 प्रतिशत अधिक रहा.

अप्रत्यक्ष करों में केंद्रीय उत्पाद शुल्क संग्रह 33.9 फीसदी बढ़कर 3.83 लाख करोड़ रुपये और सेवाकर की प्राप्ति 20.2 फीसदी बढ़कर 2.54 लाख करोड़ रुपये रही. सीमा शुल्क प्राप्ति एक साल पहले के मुकाबले 7.4 फीसदी बढ़कर 2.26 लाख करोड़ रुपये रही.

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