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नीतीश ने दिया नया फार्मूला : मोदी को रोकने के लिए विपक्षी दलों को होना चाहिए एकजुट

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार के तर्ज पर देश में महागंठबंधन होता है, तो यह ‘महासफल’ होगा. राष्ट्रहित व देश हित के लिए केंद्र के विपक्षी दलों को एकजुट होना चाहिए. कांग्रेस बड़ी पार्टी है, उसे पहल करनी चाहिए और यह उसका दायित्व भी है. इस संदर्भ में वाम दलों से […]

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार के तर्ज पर देश में महागंठबंधन होता है, तो यह ‘महासफल’ होगा. राष्ट्रहित व देश हित के लिए केंद्र के विपक्षी दलों को एकजुट होना चाहिए. कांग्रेस बड़ी पार्टी है, उसे पहल करनी चाहिए और यह उसका दायित्व भी है. इस संदर्भ में वाम दलों से बात हुई है, उनकी छवि भी बेहतर है, उन्हें भी लीड लेना चाहिए. मुख्यमंत्री लोक संवाद कार्यक्रम के बाद मीडिया से बात कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि देश में नेता की कोई कमी नहीं है. सभी को एकजुट होना चाहिए और जनहित व राष्ट्रहित का मुद्दा उठाना चाहिए. जिसके हाथ में सरकार होगी वह एजेंडा पर काम करेगा. िबहार सरकार ने राज्य के िवकास के लिए एजेंडा तय किया है और उस पर काम हो रहा है. पांच राज्यों के चुनाव पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में महागंठबंधन होता, तो तसवीर अलग होती. सपा-कांग्रेस व बसपा को मिले वोटों को मिला लें, तो यह भाजपा गंठबंधन को मिले वोट से 10 फीसदी ज्यादा है.
भाजपा इससे पहले दिल्ली और बिहार में हारी थी. पांच में उसे दो राज्यों में सफलता मिली. पंजाब हार ही गये और गोवा-मणिपुर में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी. यह अलग बात है कि जोड़-तोड़ कर सरकार बना ली गयी. उन्होंने कहा कि जहां विपक्ष एकजुट होता है, वहां का परिणाम बेहतर होता है. सात ही विकल्प के तौर पर कोई विकल्प होता है तो उसे सफलता जरूर मिलती है.
ऐसा मुद्दा उठा दीजिए कि लोग उसमें फंसे रहें
अवैध बूचड़खाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में ये न के बराबर हैं. यह तो बकवास मुद्दा है. अवैध बूचड़खाना को कौन एलाउ करेगा. बस अनावश्यक और जबरदस्ती ऐसा मुद्दा उठा दीजिए, जिसमें सभी फंसे रहें. असली समस्या से लोगों का ध्यान हटाने के लिए ऐसा मुद्दा उठाया जाता है.
भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वोट लेते हैं कि किसान का कर्जा माफ करेंगे, तो करना चाहिए न. लोगों के खाते में 15-20 लाख देंगे, कालाधन लायेंगे, करोड़ों को रोजगार देंगे, कहां गयीं ये सब बातें. यह देश महान है. किसी को विशाल बहुमत देता है, तो तीन-चार साल में कुछ नहीं होता तो अगली बार उसे मत भी नहीं देता है.
उन्होंने कहा कि देश में आज रियल इश्यू पर भी डिबेट नहीं हो रहा है. पार्टीदार, मराठा, जाट अब आरक्षण की मांग कर रहे हैं, जबकि इन्हें संपन्न कृषक माना जाता था. देश कितने बड़े एग्रीकल्चर क्राइसिस से गुजर रहा है, लेकिन लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश की जा रही है. सड़क, शिक्षा पर डिबेट की जगह नॉन इश्यू पर डिबेट हो रहा है. इसमें कोई दम नहीं है. सामाजिक मुद्दे को उठाना चाहिए. बूचड़खाने की जगह शराबबंदी पर बहस होनी चाहिए.
बेनामी संपत्ति पर हिट करे केंद्र सरकार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से बेनामी संपत्ति पर हिट करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि नोटबंदी पर हमने समर्थन किया. अब सरकार को बेनामी संपत्ति पर चोट करनी चाहिए. अगर बेनामी संपत्ति है, तो सरकार को टेक ओवर कर लेना चाहिए. इससे सरकार को आमदनी होगी. शराब से भी ज्यादा सरकार को इससे फायदा मिलेगा.
जदयू लड़ेगा दिल्ली एमसीडी का चुनाव
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में नगर निगम का चुनाव है. वहां पार्टी की दिल्ली इकाई ने चुनाव लड़ने की पहले ही बात कही थी और उन्हें लड़ने कहा गया था. वहां का चुनाव पार्टी के आधार पर होता है. इसे बिहार के महागंठबंधन से जोड़कर देखना सही नहीं है. दिल्ली में कांग्रेस की सरकार रह चुकी है. एमसीडी में भी प्रभाव रहा है, लेकिन दिल्ली में रह रहे बिहारवासियों की इच्छा थी कि जदयू भी लड़े. उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली इकाई प्रचार के लिए कोई कार्यक्रम तय करती है, तो वे दिल्ली जायेंगे. हालांकि इस चुनाव के लिए दिल्ली इकाई को पूरी आजादी दी है. इवीएम पर उठ रहे सवाल पर कहा कि अगर कहीं आशंका है, तो इसका समाधान कर देना चाहिए. वहीं एक सवाल पर कहा कि सहिष्णुता का माहौल रहे. जितनी बुराइयां हैं, उनसे आजाद होना चाहिए, कुरीतियों से आजादी की बात उठानी चाहिए.
बापू के सत्याग्रह पर प्रतिबद्ध है केंद्र, तो देश में लागू करे शराबबंदी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सचमुच केंद्र सरकार अगर बापू के चंपारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह पर प्रतिबद्ध है, तो देश में शराबबंदी लागू करे. अगर शराबबंदी राज्यों को लागू करना है, तो भाजपा शासित राज्य इसे लागू करें. बिहार ने तो इसे लागू कर दिया है और गुजरात में तो पहले से शराबबंदी है.
सिर्फ बिहार में बाहर से शराब ठेलने से काम नहीं चलेगा. उन्होंने कहा कि लोग धर्म की बात करते हैं, तो किस धर्म में शराब पीना या इसका कारोबार करना लिखा है? संविधान भी कहता है कि शराब पीना व कारोबार करना मौलिक अधिकार नहीं है. इस पर शराबबंदी को क्यों नहीं लागू करते. शराबबंदी इसलिए नहीं करते कि अच्छी आमदनी हो रही है और सरकार को इससे घाटा होना बताते हैं. जो लोग सरकार का नुकसान बताते हैं वे भूल जाते हैं कि लोगों का कितना नुकसान हो रहा है.
यह भ्रम है कि शराबबंदी से घटेगा राजस्व
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी से राजस्व नहीं घटेगा. अगर कोई सोचते हैं कि इससे सरकार का राजस्व घटेगा, तो यह भ्रम है. 2015-16 में बिहार को 5000 करोड़ की आमदनी हुई थी. 2016-17 में शराब बंद कर दी गयी और नोटबंदी का भी असर हुआ, जिससे जमीन के रजिस्ट्रेशन में दिक्कतें हुईं, बावजूद इसके 2016-17 की टैक्स वसूली 2015-16 के लगभग बराबर है. मुख्यमंत्री ने सभी राज्यों से अपील की है कि शराबबंदी की पहल करें.
इससे सामाजिक क्रांति आयेगी अौर लोगों का व्यवहार भी बदलेगा. शराब बंद करेंगे तो खजाने में थोड़ी आमदनी घटेगी, लेकिन शराब पर खर्च होनी वाली यही राशि दूसरी चीजों पर खर्च होगी. इससे हर क्षेत्र में बिक्री होगी और सरकार को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से टैक्स मिलेगा. शराब को बंद किये बिना कोई रास्ता भी नहीं है.
बिहार ने जो कदम उठाया है उसका बिहार समेत दूसरे प्रांतों में भी स्वागत हो रहा है. धीमे-धीमे लोगों को एहसास हो रहा है, लेकिन स्लो रिस्पांस है. लोगों ने सिद्धांत के तौर पर मान लिया है कि शराब को बढ़ावा देना सही नहीं है. शराब के खिलाफ जनमत भी उभर रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने भी दुकान खोलने को लेकर पाबंदी लगायी है.
नयी पीढ़ी गांधी विचारों को करेगी आत्मसात तो बदल जायेगा समाज
मुख्यमंत्री ने कहा कि चंपारण सत्याग्रह के शताब्दी वर्ष पर घर-घर, स्कूल-कॉलेजों में कहानी के जरिये नयी पीढ़ी को गांधी के विचारों से अवगत कराया जायेगा. नयी पीढ़ी के अगर 10 प्रतिशत लोग भी बापू के विचारों को आत्मसात कर लेंगे, तो अगले 15-20 सालों में समाज बदल जायेगा.
उन्होंने कहा कि चंपारण शताब्दी समारोह की शुरुआत 10-11 अप्रैल को गांधी विचारकों के समागम से होगी. 11 अप्रैल को मुजफ्फरपुर में कार्यक्रम होगा. 15 अप्रैल, 1917 को गांधी जी मोतिहारी पहुंचे थे. इसलिए 18 अप्रैल से स्मृति यात्रा शुरू की जायेगी. इससे पहले 17 अप्रैल को पटना में स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया जायेगा.
आवेदन के तीसवें दिन मिले राशन कार्ड, खाद्यान्न की हो मॉनीटरिंग
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खाद्य उपभोक्ता व संरक्षण विभाग को कहा है कि वह राशन कार्ड चाहने वाले लोगों को उनके आवेदन के तीसवें दिन कार्ड उपलब्ध कराने की व्यवस्था करें. मुख्यमंत्री ने सोमवार की शाम विभाग के कामकाज की समीक्षा के दौरान खाद्यान्न के उठाव से लेकर वितरण तक सभी चरणों की गहन मॉनीटरिंग करने का निर्देश दिया. उन्होंने लोड सेल को शत प्रतिशत करने का भी निर्देश दिया है. विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि उठाव से लेकर पीडीएस तक पहुंचने में जीपीएस को और अधिक दुरुस्त करने की जरूरत है.
मिनट टू मिनट वाहन के परिचालन की सूक्ष्मता से मॉनीटरिंग की जानी चाहिए. ऐसे सॉफ्टवेयर का भी विकास करें, जिससे जीपीएस पर और भी अच्छे ढंग से निगरानी रखी जा सके. विभाग में नियंत्रण कक्ष 24 घंटे चले और आठ-आठ घंटे की तीन पालियों में शिफ्ट हो. इस व्यवस्था को और भी पारदर्शी बनाने के लिए टेक्नोलॉजी का अधिक से अधिक प्रयोग किया जाये. उन्होंने एफसीआइ और रेलवे के दैनिक उठाव प्रक्रिया पर नजर रखने का भी निर्देश दिया, ताकि समय पर नियमित रूप से लाभुकों को अनाज मिल सके.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राशन कार्ड बनाना एक सतत कार्य है, जो हमेशा चलते रहता है. प्रखंडों में बने आरटीपीएस काउंटरों पर राशन कार्ड के लिए आवेदन लिये जायें. तीस दिनों के अंदर जांच के बाद उसी काउंटर से आवेदनकर्ता को राशन कार्ड उपलब्ध कराये जायेंगे. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि नया राशन कार्ड बनने पर पुराना नाम काटना अनिवार्य है.
यह सुनिश्चित किया जाये कि नये नाम आने पर या नाम बदले जाने पर पुराने नाम का डिलिशन टेक्नोलॉजी प्रभावी ढंग से काम करें. खाद्य व उपभोक्ता संरक्षण विभाग का सोशल ऑडिट कराने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने मनरेगा की भांति ऑडिट कमेटी बनाकर सोशल ऑडिट की बात कही. एसइसीसी के आधार पर तैयार कुल लाभुकों का 68 प्रतिशत ही आधार से जुड़ सकी है. सभी लाभुकों को आधार से जोड़ने का निर्देश दिया गया. आधार से जुड़े होने से वितरण प्रणाली में पारदर्शिता होती है और किसी को दोबारा नहीं दिया जा सकता.
1, अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास में हुई बैठक में खाद्य व उपभोक्ता संरक्षण के सचिव पंकज कुमार ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विभाग के कार्यों को दिखाया.इस मौके पर विभाग के मंत्री मदन सहनी, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त शिशिर कुमार सिन्हा, वित्त विभाग के प्रधान सचिव रवि मित्तल, कैबिनेट के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे.

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