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मेयर का पद एक सप्ताह रह सकता है खाली

ऊहापोह. नयी तिथि को मतदान कराने पर आयेगी समस्या, पटना मेयर का कार्यकाल 10 जून को होगा समाप्त पटना : राज्य सरकार द्वारा नगरपालिका आम निर्वाचन की तिथि में बदलाव का प्रस्ताव है. सरकार इसकी सहमति देती है तो पटना नगर निगम के मेयर के पद एक सप्ताह तक रिक्त रहेगा. इस अवधि में मेयर […]

ऊहापोह. नयी तिथि को मतदान कराने पर आयेगी समस्या, पटना मेयर का कार्यकाल 10 जून को होगा समाप्त
पटना : राज्य सरकार द्वारा नगरपालिका आम निर्वाचन की तिथि में बदलाव का प्रस्ताव है. सरकार इसकी सहमति देती है तो पटना नगर निगम के मेयर के पद एक सप्ताह तक रिक्त रहेगा. इस अवधि में मेयर का प्रभार दूसरे के देना पड़ सकता है. पटना नगर निगम के मेयर का कार्यकाल 10 जून को समाप्त हो जायेगा. राज्य सरकार चार जून को पटना जिला के सभी नगर निकायों में मतदान कराने का प्रस्ताव तैयार किया है. इसकी मतगणना छह जून को करायी जानी है.
नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 35 में प्रावधान किया गया है कि नगरपालिका के पार्षदों के आम चुनाव के बाद नगरपालिका की पहली बैठक चुनाव के बाद गजट प्रकाशन की तारीख से 30 दिनों के भीतर आहूत की जायेगी. बैठक के लिए सभी पार्षदों को सात दिन पहले सूचना दी जायेगी. अधिनियम की धारा 23 में प्रावधान किया गया है कि चुनाव के बाद होनेवाली बैठक में पार्षदों के बीच से मुख्य पार्षद (मेयर) और उपमुख्य पार्षद (डिप्टी मेयर) का चुनाव किया जायेगा. इसके बाद उसे पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी जायेगा. सरकार द्वारा प्रस्तावित पटना नगर निगम के चुनाव व उसकी मतगणना के बाद मेयर के पद को लेकर यह स्थिति पैदा होगी. पटना नगर निगम का चुनाव चार जून को जबकि मतगणना का काम छह जून को कराने का प्रस्ताव है. सात जून को गजट नोटिफिकेशन होगा. इसके बाद एक माह के अंदर बैठक बुलानी होगी और सात दिन पहले नव निर्वाचित वार्ड पार्षदों को सूचना देनी होगी. इस प्रक्रिया में न्यूनतम एक सप्ताह का समय गुजर जायेगा. इस अवधि में मेयर पद रिक्त रहने की संभावना है.
पटना : राज्य निर्वाचन आयोग ने नगरपालिका आम निर्वाचन 2017 के प्रत्याशियों के लिए नामांकन शुल्क की दर जारी कर दी है. राज्य के सभी जिलाधिकारियों को नामांकन शुल्क की निर्धारित दर की सूची उपलब्ध करा दी गयी है. आयोग ने नगर निगम के सामान्य वर्ग के प्रत्याशियों के नामांकन का शुल्क दो हजार, नगर परिषद के सामान्य प्रत्याशियों का एक हजार व नगर पंचायत के सामान्य वर्ग के प्रत्याशियों को 400 रुपये नामांकन शुल्क देना होगा.
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जिलों को प्रत्याशियों के नामांकन को लेकर निर्देश जारी किया है. निर्देश में बताया गया है कि नामांकन पत्र अधिकतम दो सेट में जमा कराया जा सकता है. किसी व्यक्ति द्वारा दो सेट में नामांकन किया गया हो और नामांकन में दोनों सेट सही पाये गये है तो वह व्यक्ति किसी एक सेट से अपनी उम्मीदवारी वापस लेता है तो दोनों सेट संबंधित वार्ड से वापस मानी जायेगी. नामांकन शुल्क के रूप में नाजीर रसीद या ट्रेजरी चलान प्रमाण के रूप में मूल में संलग्न की जायेगी.
उसी वार्ड के नामांकन की दूसरे सेट जमा किये जाने की स्थिति में नाजीर रसीद या ट्रेजरी चलान की छाया प्रति मान्य होगी. आयोग द्वारा प्रत्याशियों के लिए तीनों स्तर के प्रत्याशियों के लिए अलग-अलग नामांकन शुल्क की राशि निर्धारित की है. इसमें नगर निगम क्षेत्र के लिए नामांकन करनेवाले सामान्य वर्ग के प्रत्याशियों को दो हजार का शुल्क देय होगा.
नगर निगम क्षेत्र में आरक्षित कोटि के प्रत्याशियों और सभी वर्ग की महिलाओं का नामांकन शुल्क एक हजार निर्धारित किया गया है. नगर परिषद क्षेत्र में नामांकन करनेवाले सामान्य वर्ग के प्रत्याशियों को नामांकन शुल्क के रूप में एक हजार रुपये जबकि आरक्षित कोटि के साथ सभी कोटि की महिला प्रत्याशियों के लिए नामांकन का शुल्क 500 रुपये निर्धारित किया गया है. इसी तरह से नगर पंचायत निर्वाचन क्षेत्र में नामांकन करनेवाले सामान्य वर्ग के प्रत्याशियों को 400 रुपये जबकि आरक्षित कोटि सहित सभी वर्ग की महिलाओं को नामांकन शुल्क के रूप में 200 रुपये नामांकन शुल्क जमा कराना होगा.
सत्यापन के लिए पदाधिकारी तय : नगर निगम के 75 वार्डों में प्रस्तावित मतदान केंद्रों के सत्यापन के लिए जिला निर्वाचन शाखा द्वारा पदाधिकारी नामित कर दिये गये हैं. जिला समाहरणालय के 18 पदाधिकारी को इसके सत्यापन की जिम्मेवारी मिली है. ये पदाधिकारी 12 अप्रैल तक वार्डों के मतदान केंद्रों का भौतिक सत्यापन कर अंतिम अनुमोदन आयोग को भेजेंगे.

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