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राज्य में चालू वित्तीय वर्ष में होगा 46 ग्रिडों का निर्माण

पटना : राज्य में बिजली की बढ़ती मांग और खपत को देखते हुए बिजली संचरण व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है. चालू वित्तीय वर्ष में 46 नये ग्रिड बनाने की योजना है. इनमें से कई का काम शुरू भी हो गया है. अभी राज्य में 106 ग्रिड है. चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक […]

पटना : राज्य में बिजली की बढ़ती मांग और खपत को देखते हुए बिजली संचरण व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है. चालू वित्तीय वर्ष में 46 नये ग्रिड बनाने की योजना है. इनमें से कई का काम शुरू भी हो गया है. अभी राज्य में 106 ग्रिड है. चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक इसकी संख्या 152 करने की योजना है. इन ग्रिडों के बन जाने के बाद बिजली निकासी की क्षमता 9000 मेगावाट हो जायेगी. अभी राज्य की बिजली निकासी क्षमता 6392 मेगावाट है. दो अप्रैल को राज्य में अबतक का सबसे अधिक 3800.9 मेगावाट बिजली की आपूर्ति राज्य में हुई. इसके पहले पिछले साल दुर्गा पूजा के समय 3769 मेगावाट बिजली का आपूर्ति हो चुकी थी.
बिजली सरकार की प्राथमिकता में है. इस साल के अंत तक राज्य के सभी गांवों में और अगले साल यानी 2018 तक सभी घरों में बिजली पहुंचाने की योजना है. सरकार सातों दिन 24 घंटे बिजली आपूर्ति की योजना पर काम कर रही है. इसके लिए संचरण और वितरण व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है. पिछले 11 साल में राज्य में बिजली के क्षेत्र में काफी काम किया है. संचरण व्यवस्था को काफी दुरुस्त किया गया है. 2005 में राज्य में 45 ग्रिड था अभी 106 है. 24- 7 कंसेप्ट को अमली जामा पहनाने के लिए सभी ग्रिडों को आपस में जोड़ा जा रहा है. इस पर 1000 करोड़ खर्च आ रहा है. इसके लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक से लोन लिया गया है. इसके अलावा सभी ग्रिडों को अपग्रेड भी किया जा रहा है.
सभी ग्रिडों को डबल सर्किट तार से जोड़ा जा रहा है. ग्रिडों को आपस में जुड़ने और डबल सर्किट तार का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि अगर कोई ग्रिड फेल करेगा या तार में खराबी आयेगी तो दूसरे ग्रिड से आपूर्ति शुरू हो जायेगा. इस दिशा में जोर-शोर से काम चल रहा है. ग्रिड में ट्रांसफॉर्मर की क्षमता बढ़ायी जा रही है. अब सूबे के सभी जिलों में ग्रिड हो गया है. राज्य में 82 लाख से अधिक उपभोक्ता हैं.
राज्य योजना के तहत सभी अनुमंडलों में ग्रिड का निर्माण कराया जा रहा है. 30 राजस्व अनुमंडल में 132-33 केवीए का ग्रिड निर्माण कार्य चल रहा है. सभी योजना को अगस्त तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
इसके अलावा बांका, जमुई, सीवान, भागलपुर, नवादा, कैमूर और कटिहार में 132- 33 केवीए का ग्रि़ड बन रहा है. इसपर 374 करोड़ खर्च हो रहा है. पुराने ग्रिड उपकेंद्रों के जीर्णोद्धार एवं आधुनिकीकरण का काम चल रहा है. इसपर 133 करोड़ खर्च हो रहा है. अभी राज्य में लगभग 10 हजार सर्किट किलोमीटर तार है इसे साल के अंत तक 12500 सर्किट किलोमीटर करने का लक्ष्य है. अभी राज्य में 4000 से 4200 मेगावाट बिजली की मांग है. इसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है.

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