प्रसन्न हुआ अंग क्षेत्र हरेक लोगों को यह आस थी, राष्ट्रपति के आने से सच होंगे उनके सपने, पूरे क्षेत्र का होगा विकास
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उम्मीद बन कर आये, गदगद कर गये महामहिम
प्रसन्न हुआ अंग क्षेत्र हरेक लोगों को यह आस थी, राष्ट्रपति के आने से सच होंगे उनके सपने, पूरे क्षेत्र का होगा विकास भागलपुर : एक उम्मीद थी उनसे. एक आस भरी नजरों से इंतजार था उनका. यूं ही दो घंटे पहले हजारों की संख्या में विक्रमशिला महाविहार स्थित समारोह स्थल पर नहीं जुट गये […]
भागलपुर : एक उम्मीद थी उनसे. एक आस भरी नजरों से इंतजार था उनका. यूं ही दो घंटे पहले हजारों की संख्या में विक्रमशिला महाविहार स्थित समारोह स्थल पर नहीं जुट गये थे. चिलचिलाती धूप में भी इस तरह खड़े थे जैसे उनकी उम्मीद के आगे ये तपन कुछ भी नहीं. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का हेलिकॉप्टर उतरते ही सैकड़ों की संख्या में लोगों की भीड़ जुट गयी.
भीड़ देख उन्हें संभवत: यह महसूस हो गया था कि लोगों उनसे बड़ी उम्मीद है. जैसे ही उन्होंने विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय पर बोलना शुरू किया, लोगों ने तालियां बजा कर स्वागत किया. और जैसे ही उन्होंने यह कहा कि प्रधानमंत्री से इस संदर्भ बातें करेंगे, ताकि इसकी स्थापना जल्द हो, लोगों के चेहरे पर मुस्कान आ गयी. इतिहासकार शिवशंकर सिंह पारिजात जाते समय यह बोल गये कि हर तरफ से विक्रमशिला विश्वविद्यालय को पहचान दिलाने में काफी मशक्कत हुई है.
अब राष्ट्रपति के आने से इतना तो हो गया कि देश–विदेश में पर्यटकों के बीच यह संदेश जरूर जायेगा कि जब भी बिहार आना, विक्रमशिला देखे बगैर मत जाना, वरना यात्रा पूरी नहीं मानी जायेगी. वहीं इतिहासकार प्रो रमन सिन्हा का कहना था कि आजाद भारत में ऐतिहासिक विक्रमशिला की धरती पर राष्ट्रपति का पहली बार कदम पड़ना ही इस धरती का गौरवान्वित हो जाना है.
खेतों की हर मेढ़ एक ही तरफ जाती दिखी : अंंतीचक स्थित थाने के पीछे बने समारोह स्थल पर लोग सड़कों से होते हुए आ ही रहे थे. खेतों की मेढ़ पर से आनेवाले ग्रामीणों की तादाद उससे कम भी नहीं थी. गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे के पैतृक गांव भवानीपुर से बड़ी संख्या में लोग खेत होते हुए ही पहुंच रहे थे. लोगों का कहना था कि यह शार्टकट रास्ता है.
मुनि लाल ने संभाली दुकान, बेटा–बहू गये राष्ट्रपति को देखने : विक्रमशिला महाविहार के ठीक बगल का गांव लालापुर में मुख्य मार्ग पर है प्रकाश तांती उर्फ मुनि लाल की किराना दुकान. उन्होंने बताया कि बेटा–बहू राष्ट्रपति को देखने गये हैं.
ट्रक से मंच के लिए कुरसी उतारते वक्त टूट गयी : रांची से मंच के लिए कुरसियां मंगायी गयी थी. ट्रक से लायी गयी थी. सारी कुरसियां वीवीआइपी ग्रेड की और लकड़ी की बनी हुई थी. लेकिन ऐन वक्त पर दो वीवीआइपी के लिए आयी कुरसियां ट्रक से उतारते वक्त ही टूट गयी.
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