ये छापे कोलकाता, पटना, रांची, दिल्ली, चेन्नई, चंडीगढ़, अहमदाबाद, भुवनेश्वर और बेंगलुरु सहित विभिन्न स्थानों पर मारे गये. दरअसल, इडी उन कंपनियों पर कार्रवाई कर रही है, जिनका संबंध कालेधन को सफेद करने से है. माना जा रहा है कि इन कंपनियों ने सौ करोड़ से ज्यादा कालेधन को सफेद किया. कालेधन को विदेश भेजा. सभी पर मनी लांड्रिंग रोधी अधिनियम व विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून के तहत कार्रवाई की गयी है.
Advertisement
आॅपरेशन ब्लैकमनी : कोलकाता सहित 110 स्थानों पर तलाशी
नयी दिल्ली / मुंबई : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादे के मुताबिक सरकार का आॅपरेशन ब्लैकमनी शुरू हो गया है. प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने मुखौटा कंपनियों (शेल) के खिलाफ देशव्यापी अभियान छेड़ते हुए शनिवार को 17 राज्यों में 110 स्थानों पर इनके परिसरों की तलाशी ली. इडी की कई टीमों ने करीब 500 मुखौटा कंपनियों […]
नयी दिल्ली / मुंबई : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादे के मुताबिक सरकार का आॅपरेशन ब्लैकमनी शुरू हो गया है. प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने मुखौटा कंपनियों (शेल) के खिलाफ देशव्यापी अभियान छेड़ते हुए शनिवार को 17 राज्यों में 110 स्थानों पर इनके परिसरों की तलाशी ली. इडी की कई टीमों ने करीब 500 मुखौटा कंपनियों के परिसरों पर छापा मारा और तलाशी अभियान चलाया.
एक साथ इतनी जगहों पर कार्रवाई से अफरा-तफरी मच गयी. वैसे कई संदिग्ध दस्तावेज भी मिले हैं, जिसमें कई सौ करोड़ रुपये के लेन-देन का ब्योरा है. वहीं इस कार्रवाई से नेताओं में भी हड़कंप है. इडी का मानना है कि एंट्री ऑपरेटर और मुखौटा कंपनियां काले धन को सफेद करने में रीढ़ की हड्डी है. इसलिए उन पर सख्तकार्रवाई जरूरी है. मामला तब सामने आया जब इडी ने पिछले महीने मनी लांड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत आपराधिक शिकायत दर्ज की. दिल्ली की फर्म की 64.70 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी को कुर्क किया था. आशंका है कि यह रैकेट 8000 करोड़ रुपये से ज्यादा का है.
कार्रवाई आगे भी रहेगी जारी : इडी के निदेशक करनैल सिंह ने कहा कि यह अभियान कालाधन रोधी कार्रवाई के तहत की गयी विभिन्न प्रकार की जांच पर आधारित है. कार्रवाई अभी जारी रहेगी.
भुजबल पर शिकंजा : ब्लैकमनी को किया व्हाइट !
एनसीपी के सीनियर नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री छगन भुजबल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इडी ने मुंबई में भुजबल के लिए कालेधन को सफेद करनेवाली 700 कंपनियों का खुलासा किया है. इन कंपनियों में फर्जी निदेशकों की नियुक्ति का भी पता चला है. दस्तावेज के मुताबिक 700 मुखौटा कंपनियों ने भुजबल के लिए 46.7 करोड़ रुपये की रकम को कथित तौर पर सफेद किया था. इडी ने उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जिनका नोएडा प्राधिकरण के पूर्व मुख्य अभियंता यादव सिंह ने उनकी अवैध संपत्ति को परिवर्तित करने में इस्तेमाल किया. वाइएस जगन मोहन रेड्डी, राजेश्वर एक्सपोर्ट्स और अन्य से कथित तौर पर जुड़ी कंपनियों की भी तलाशी ली.
क्या है मुखौटा कंपनियां
मुखौटा कंपनियों ऐसी कंपनियों को कहा जाता है जिनका गठन मामूली चुकता पूंजी के साथ किया जाता है. उनके पास काफी रकम रिजर्व के तौर पर होती है और ऊंचे शेयर प्रीमियम के रूप में अधिशेष राशि भी उपलब्ध होती है. इन कंपनियों का ज्यादातर गैर-सूचीबद्ध कंपनियों में निवेश होता है, कोई लाभांश आय नहीं होती, हाथ में काफी नकदी रहती है और निजी कंपनियां इनकी बहुमत हिस्सेदार होती हैं.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement