उसके बाद आज शनिवार को सजा देने की घोषणा की गयी थी. मादक पदार्थ हशीस की तस्करी करने का अपराध साबित होने पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शांतनु झा ने मोहम्मद इस्लाम उर्फ शाहरूख खान, नसिम अख्तर उर्फ राजू, आमिरूल रहमान, मोहम्मद सरफराज उर्फ बोनू, मोहम्मद कमालुद्दीन उर्फ सानू को दस वर्ष की कैद व एक लाख रूपये जुर्माने की सजा सुनायी है.
मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय राजस्व निदेशालय की खुफिया टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर 29 जनवरी वर्ष 2012 को एक अभियान के तहत इन पांचों को को गिरफ्तार किया था. जानकारी के आधार पर इस टीम ने न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन पर कोलकाता जा रही कंचनकन्या एक्सप्रेस ट्रेन में सभी को हिरासत में लिया था. सिलीगुड़ी जंक्शन स्थित डीआरआइ कार्यालय लाकर उनके सामानों की तलाशी ली गयी. इन पांचो के बैग से भारी मात्रा में मादक पदार्थ बरामद हुए. काले प्लास्टिक के बने 24 पैकेट से कुल 30 किलो 440 ग्राम हसीश इनसभी के पास से पाया गया. तब बरामद मादक पदार्थ की अंतराष्ट्रीय बाजार कीमत 1 करोड़ 56 लाख 96 हजार रूपये आंकी गयी थी. विभागीय सूत्रों से अनुसार इन पांचो ने मादक तस्करी का आरोप स्वीकार किया था. जांच के दौरान आरोपियों ने बताया कि नेपाल के किसी राजू लामा नामक व्यक्ति से मादक पदार्थ खरीद कर ट्रेन से ये लोग कोलकाता जा रहे थे. कोलकाता से मादक पदार्थ लेकर लंदन जाने की योजना थी.
सरकारी पक्ष के वकील रतन बनिक ने बताया कि करीब चार-पांच वर्ष मामला विचाराधीन रहने के बाद शनिवार को सजा सुनायी गयी है. इस दौरान 14 साक्ष्य पेश किये गये. इसके अतिरिक्त मादक पदार्थ तस्करी करने व अंतराष्ट्रीय तस्कर गिरोह से संबंध होने के कई प्रमाण अदालत में पेश किये गये. सबूत व साक्ष्य के आधार पर अदालत ने बीते गुरुवार को इन पांचो को दोषी करार दिया.
भारतीय दंड विधान के अंतर्गत एनडीपीएस एक्ट के सेक्शन 20 बी के (ii) सी और सेक्शन 29 के तहत दोषी पाते हुए अदालत ने दस साल की कैद की सजा सुनायी है. साथ ही एक लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया गया है. रकम नहीं अदा करने पर और छह महीने की कैद की सजा भोगनी होगी. मादक पदार्थों के खिलाफ डीआआरआइ के इस छठे मामले में सजा का ऐलान किया गया है.