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पढ़ें… जब तीन मीटर लंबा अजगर हिरण को जिंदा निगल गया

बेतिया. अजगर करे न चाकरी, पंछी करे ना काम, दास मलुका कह गए, सबके दाता राम को चरितार्थ करते हुए एक घटना घटी है. अजगर की लंबाई महज तीन मीटर की और निगल गया एक जिंदा हिरण. यह अनोखा प्राकृतिक आहार शृंखला का नजारा जिले के गंडक तटवर्ती उदयपुर वन्य प्राणी आश्रयणी में देखने को […]

बेतिया. अजगर करे न चाकरी, पंछी करे ना काम, दास मलुका कह गए, सबके दाता राम को चरितार्थ करते हुए एक घटना घटी है. अजगर की लंबाई महज तीन मीटर की और निगल गया एक जिंदा हिरण. यह अनोखा प्राकृतिक आहार शृंखला का नजारा जिले के गंडक तटवर्ती उदयपुर वन्य प्राणी आश्रयणी में देखने को मिला.

बुधवार की देर संध्या जंगल के वाच टावर दो के समीप पुतरंजीवा खंड में यह कारनामा पाइथन सर्प प्रजाति के अजगर ने कर दिखाया. हिरण को निकलने के बाद नशे की हालत में अजगर घंटों एक ही स्थान पर कुंडली मार कर बैठा रहा. वन प्रमंडल पदाधिकारी हेमकांत राय ने बताया कि यह मामला प्राकृतिक आहार शृंखला का एक हिस्सा है. जैसे ही इसकी सूचना वनरक्षी के जरिए मिली, वन पदाधिकारी घटनास्थल पर पहुंचकर इस पूरे प्रकरण का जायजा लिया.

उन्होंने बताया कि अजगर की लंबाई तीन मीटर के करीब पायी गयी. हिरण निगलने के बाद सर्प पूर्णरूप से नशे की हालत में एक ही स्थान पर कुंडली मार कर बैठ गया. वन पदाधिकारी श्री राय ने बताया कि हिरण के मांस और हड्डी को गलने तथा पाचन होने में 15 दिन लगेंगे. उसके बाद वह धीरे-धीरे होश में आ आयेगा. इसके लिए सक्रिय वनकर्मियों को विभागीय स्तर से निर्देशित किया गया है कि इस हाल में अजगर को छेड़छाड़ बिल्कुल नहीं किया जाय. इस स्थिति में हर हाल में उसकी सुरक्षा की आवश्यकता है.

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