लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने योग और नमाज की मिलती-जुलती मुद्राओं का जिक्र करते हुए कहा कि नमाज को जाति, पंथ और मजहब के आधार पर बांटने वाले लोग योग में विश्वास नहीं कर सकते.
मुख्यमंत्री ने यहां पतंजलि योगपीठ तथा कुछ अन्य संगठनों के सहयोग से आयोजित तीन दिवसीय ‘योग महोत्सव’ में कहा, ‘‘केंद्र सरकार का आयुष मंत्रालय भी प्रदेश के हर जिले में ऐसा योग महोत्सव मनाने और सहभागिता सुनिश्चित करने को तैयार है, अन्यथा इस तरह के कार्यक्रम तो भारत में साम्प्रदायिक माने जाते थे.
इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद पहली बार भारत की पहचान को अन्तरराष्ट्रीय मान्यता दिलाने का प्रयास हुआ और प्रधानमंत्री ने 21 जून को अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के रुप में प्रतिष्ठापित कराया. दुनिया के 192 देशों ने इसे मान्यता दे दी. लोग जिस योग को भूल चुके थे, उसे दुनिया के घर-घर तक पहुंचाया गया.
योगी ने कहा, ‘‘मैं देखता हूं कि लोग साधु संतों को दान नहीं देते, लेकिन मेरी पार्टी ने और हमारे प्रधानमंत्री जी ने मुझे पूरा उत्तर प्रदेश ही सौंप दिया है. लेकिन उत्तर प्रदेश सौंपने के साथ-साथ हम सबके सामने जो चुनौतियां थीं और जो आने वाली हैं. उनसे निपटने के लिये एक ही मंत्र है, जो मैंने प्रधानमंत्री मोदी जी से सीखा है, वह है जीवन में सकारात्मक सोच.’ उत्तर प्रदेश की सरकार उसी सकारात्मक उर्जा के साथ कार्य करने के लिये कृत संकल्पित है जो प्रधानमंत्री मोदी ने हमें दी. हम उसी के साथ काम कर रहे हैं.
उन्होंने भगवान राम द्वारा लंका पर विजय के बाद वहां का राजपाट लेने के बजाय अपनी जन्मभूमि को ही चुनने का दृष्टांत बताते हुए कहा कि भारत में जन्मे प्रत्येक व्यक्ति के लिये यह आगे बढ़ने का गूढ मंत्र है. जननी जन्मभूमि के साथ जब तक हमारा सम्बन्ध बना रहेगा, तब तक भारत को विश्वगुरु बनने से कोई ताकत नहीं रोक सकती. यह काम प्रधानमंत्री ने करके दिखाया है.
पार्टी नेतृत्व द्वारा खुद को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाये जाने से जुड़ा एक किस्सा बताते हुए योगी ने कहा ‘‘मुझे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आपको कल ही मुख्यमंत्री की शपथ लेनी है. उस वक्त मेरे पास एक ही जोड़े कपडे थे. तब मैंने सोचा कि उनसे क्या कहूं. अगर मना करता हूं तो लोग कहते कि मैं यूपी की अराजकता, दंगों और भ्रष्टाचार से पलायन कर रहा हूं. मैंने कहा कि चलिये हम साधु संतों का क्या है, अगर मैं एक लंगोट में भी सड़कों पर निकलूंगा तो भी लोग कहेंगे कि बाबा आ रहे हैं.’ उन्होंने योग महोत्सव के तमाम आयोजकों को साधुवाद दिया.