10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मत्स्यगंधा जलाशय का होगा सौंदर्यीकरण

बुडको को डीपीआर तैयार करने का मिला जिम्मा प्रथम चरण में 36 लाख रुपये की दी गयी स्वीकृति सहरसा : कभी शहर के सबसे मनोरम स्थल रहे मत्स्यगंधा जलाशय के दिन बहुरने के आसार दिखने लगे हैं. डीएम बिनोद सिंह गुंजियाल के प्रयास से सरकार ने इस योजना की भी स्वीकृति दे दी है. नगर […]

बुडको को डीपीआर तैयार करने का मिला जिम्मा

प्रथम चरण में 36 लाख रुपये की दी गयी स्वीकृति
सहरसा : कभी शहर के सबसे मनोरम स्थल रहे मत्स्यगंधा जलाशय के दिन बहुरने के आसार दिखने लगे हैं. डीएम बिनोद सिंह गुंजियाल के प्रयास से सरकार ने इस योजना की भी स्वीकृति दे दी है. नगर विकास विभाग ने जलाशय के सौंदर्यीकरण के लिए बिहार अरबन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (बुडको) को डीपीआर तैयार करने का जिम्मा सौंपा है. हालांकि डीपीआर तैयार होने से पूर्व सरकार ने सौंदर्यीकरण के कार्य प्रारंभ करने के लिए तत्काल 36 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान कर दी है. डीएम ने कहा कि आवंटन मिलते ही मत्स्यगंधा के जीर्णोद्धार का कार्य प्रारंभ करा दिया जाएगा.
1997 में बनी थी परियोजना: शहर के उत्तरी छोड़ पर शहर के एकमात्र शवदाह स्थल पर डेढ़ किलोमीटर लंबी और आधी किलोमीटर चौड़ी झील का निर्माण करा इस क्षेत्र की काया पलट दी थी. 1997 में तत्कालीन डीएम तेजनारायण लाल दास द्वारा शुरू की गयी इस परियोजना पर उस समय जिले के विकास योजनाओं की कुल 54 लाख रुपये खर्च की गयी थी. बन कर तैयार हुई मत्स्यगंधा जलाशय परियोजना का उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने किया था. झील में साफ पानी, पानी के बीच रंग-बिरंगे पानी का फव्वारा, रंग-बिरंगे पैडल व मोटर वोट, चारों ओर परिक्रमा पथ, बिजली, बैठने के लिए बेंच, छतरी की सुविधा थी. झील के चारो ओर रंग-बिरंगे फूलो के अलावे दुर्लभ पेड़ लगाये गए थे. दूर-दूर से लोग यहां आने लगे थे. वोटिंग करते थे व सौंदर्य को निहारते थे. काफी भीड़ जुटने के बाद यहां एक होटल की जरूरत महसूस होने लगी और सरकार के पर्यटन विभाग ने तीन करोड़ रुपये की लागत से थ्री स्टार होटल कोसी विहार का निर्माण करा दिया. मत्स्यगंधा जलाशय क्षेत्र शीघ्र ही पिकनिक स्पॉट व शूटिंग प्लेस के रूप में चर्चित हो गया. लेकन डीएम श्री दास के तबादले के कुछ वर्षों बाद ही इसकी उल्टी गिनती शुरू हो गयी. साल 2000 में वोटिंग बंद हुई. पानी सूख गया. झील चरागाह में बदल गया. 2012 में सेवायात्रा के क्रम में स्वयं सीएम नीतीश कुमार ने यहां सुबह की सैर की और कहा कि वे पहले से भी बेहतर मत्स्यगंधा बनायेंगे. एक करोड़ रुपये का डीपीआर भी बना. लेकिन जीर्णोद्धार का काम नहीं हुआ. इधर डीएम गुंजियाल के प्रयास पर सरकार ने योजना के जीर्णोद्धार की स्वीकृति देते प्रथम चरण की राशि भी विमुक्त कर दी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें