अधिनियम को प्रभावी तरीके से लागू करने पर कार्यशाला
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भ्रूणहत्या मानवता के लिए अभिशाप: सीएस
अधिनियम को प्रभावी तरीके से लागू करने पर कार्यशाला शेखपुरा : सिविल सर्जन डॉ एमपी सिंह ने भ्रूण हत्या को मानवता के लिए अभिषाप बताया है. भ्रूण हत्या को रोकने के लिए बनाये गये अधिनियम के प्रभावी तरीके से लागू करने पर आयोजित कार्यशाला में कही. उन्होंने बताया कि भ्रूण हत्या पर आयोजित कार्यशाला में […]
शेखपुरा : सिविल सर्जन डॉ एमपी सिंह ने भ्रूण हत्या को मानवता के लिए अभिषाप बताया है. भ्रूण हत्या को रोकने के लिए बनाये गये अधिनियम के प्रभावी तरीके से लागू करने पर आयोजित कार्यशाला में कही. उन्होंने बताया कि भ्रूण हत्या पर आयोजित कार्यशाला में कही. उन्होंने बताया कि भ्रूण हत्या को लेकर सरकार काफी संवेदनशील है तथा इस पर क्रियान्वयन की जिम्मेवारी सभी को दी गयी है.
इस कार्यशाला में इस विशेष कमेटी से जुड़े अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी केएन ठाकुर, सदर अस्पताल उपाधीक्षक के साथ सदर अस्पताल के कई चिकित्सक इस समिति से जुड़े डॉ प्रो रामाकांत प्रसाद सिंह, निजी क्लिनिक के संचालक और अल्ट्रासाउंड संचालित करने वाले लैब के प्रतिनिधि उपस्थित थे. कार्यशाला के शुरू में सभी लोगों को कन्या भ्रूण हत्या के मकसद से किये जाने वाले लिंग परीक्षण के परिणाम प्राप्त होने वाले दंड के बारे में विस्तार से बताया गया.
इस अधिनियम के तहत कन्या भ्रूण हत्या के लिंग परीक्षण करवाने वाले के अलावा लिंग परीक्षण करने वाले अल्ट्रासाउंड क्लिनिक, गर्भपात कराने वाले क्लिनिक तथा उसे प्रोत्साहित करने वाले सभी को दंड का भागी बनना होगा. इस कार्यशाला में भ्रूण हत्या तथा लिंग परीक्षण के सामाजिक प्रभावों की भी चर्चा की गयी. सरकार द्वारा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत भी बालिका के जन्म को अभिशाप मानने की बात अब इतिहास हो गयी है. बताया गया कि अभी भी इस प्रवृत्ति के तहत हजारों समाज में लोग हवा दे रहे हैं.
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