नयी दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने बुधवार को राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अपना मंतव्य स्पष्ट करते हुए कहा है कि वह राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल नहीं हैं. अपने एक संबोधन में भागवत ने कहा कि मीडिया में जो चल रहा है, वह होगा नहीं. हम संघ में काम करते हैं और हमें वहां नहीं जाना है. अगर प्रस्ताव आता भी है, तो हम उसे स्वीकार नहीं करेंगे.
मीडिया की खबरों के अनुसार, राजग सरकार संघ प्रमुख मोहन भागवत को अगला राष्ट्रपति बना सकती है. मीडिया में उनके राष्ट्रपति बनाये जाने को लेकर अटकलें तब तेज हो गयीं, जब शिवसेना की ओर से ऐसी मांग की गयी थी कि हिदुत्व का चेहरा और साफ छवि वाले मोहन भागवत को देश का अगला राष्ट्रपति बनाया जाना चाहिए.
शिव सेना सांसद संजय राउत का कहना था कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए भागवत अगले राष्ट्रपति के तौर पर सही होंगे. राउत ने कहा कि ये देश का सबसे ऊंचा पद है. इसके लिए किसी साफ छवि के व्यक्ति को ही चुना जाना चाहिए. मैंने सुना है कि जिन उम्मीदवारों पर चर्चा हो रही है, उनमें मोहन भागवत भी शामिल हैं.
संजय राउत ने संकेत दिये कि शिवसेना उन्हें राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार घोषित कर सकती है. उन्होंने कहा कि अगर भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना है तो भागवत सही पसंद होंगे. हालांकि इस बारे में आखिरी फैसला उद्धव ठाकरे लेंगे. अगले राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सहयोगी पार्टी के नेताओं को डिनर पर चर्चा के लिए बुलाया था.