जिस दिन उसने नया सिम व मोबाइल से काम करना शुरू किया था, उसी दिन रंजय सिंह का तेरहवां था. रंजय सिंह झरिया विधायक संजीव सिंह का करीबी था और 29 जनवरी को उसी सरायढेला थाना क्षेत्र मेंं उसकी हत्या की गयी थी, जहां नीरज सिंह की हत्या की गयी. माना जा रहा है कि रंजय सिंह के तेरहवें के दिन से मुन्ना ने नीरज सिंह की रेकी शुरू की थी.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक यह संयोग भी हो सकता है और साजिश का हिस्सा भी. मुन्ना के बारे में पुलिस को दूसरी जानकारी यह भी मिली है कि नीरज सिंह की हत्या के एक दिन पहले वह बेगुसराय पहुंच गया था. यही कारण है कि धनबाद पुलिस की टीम बेगुसराय व समस्तीपुर इलाके में छापेमारी कर रही है. मुन्ना बोलचाल की भाषा में मैथिली का इस्तेमाल करता था. फरवरी में मुन्ना ने चारों शूटरों को ठहराने के लिए जिस वृद्ध दंपती के घर को किराये पर लिया था, वह दंपती मुन्ना को पहले से नहीं जानते हैं.
पुलिस को पता चला है कि मैथिली भाषा में बात करने के कारण दंपती ने मुन्ना पर भरोसा किया था और किराये पर घर दे दिया था. पुलिस को यह भी पता चला है कि किराये पर घर देने के बाद वृद्ध दंपती कभी उस घर के भीतर नहीं जा सके. जब भी कोई काम होता, उसमें रहनेवाले दरवाजे पर खड़ा होकर ही बात कर लेते थे. इस कारण एक माह से अधिक समय तक घर के भीतर हुई गतिविधियों के बारे में वृद्ध दंपती को कोई जानकारी नहीं है.