परबत्ता : प्रखंड के वैसा पंचायत में पंचायत प्रतिनिधि और पदाधिकारियों की लापरवाही के कारण से दो पंचायत शिक्षक ना घर के हैं और ना घाट के रह पाये हैं. विगत दो महीनों से अपनी सेवा देने के लिये दो विद्यालयों के बीच दौड़ लगा रहे हैं. इस चक्कर में दोनों का वेतन भी बंद गया है. बताया जाता है
कि समांजन में आंख मूंद कर शिक्षकों को एक से दूसरे विद्यालय में भेज कर विकट स्थिति उत्पन्न कर दी गयी है.
क्या है मामला : वैसा पंचायत के पंचायत शिक्षक नियोजन ईकाई ने अपने कार्यालय आदेश के द्वारा दो पंचायत शिक्षकों शहबाज आलम तथा खुशतारा खातून का स्थानांतरण कन्या प्राथमिक विद्यालय वैसा से नवसृजित विद्यालय काली स्थान वैसा कर दिया. मुखिया शोभा देवी तथा पंचायत सचिव उपेन्द्र सिंह के संयुक्त हस्ताक्षर से जारी पत्रांक 15 दिनांक 10 जनवरी 17 के इस आदेश का अनुपालन तो नहीं हुआ,लेकिन इससे एक विवाद जरूर उत्पन्न हो गया.
दरअसल जब दोनों शिक्षक नवपदस्थापित विद्यालय में योगदान करने गये तो वहां के प्रधान ने यह कहते हुए योगदान लेने इनकार कर दिया कि उनके विद्यालय में एक भी उर्दू छात्र नहीं पढ़ते हैं तथा उर्दू शिक्षक के लिये एक भी रिक्ति मौजूद नहीं है.इसके पश्चात दोनों पंचायत शिक्षकों ने अपने मूल विद्यालय में वापस योगदान करना चाहा तो वहां के प्रधान ने यह कहते हुए हाजिरी बनाने से मना कर दिया कि जब उनका इस विद्यालय से स्थानांतरण हो चुका है तो फिर वे नये विद्यालय में ही अपना योगदान करें अथवा स्थानांतरण का पत्र रद्द करा लें. इस ऊहापोह में दो महीने बीतने के बावजूद दोनों शिक्षक न इस विद्यालय के रहे न उस विद्यालय के हो सके हैं.
ठंडे बस्ते में डाला आवेदन : दोनों विद्यालयों के प्रधानों के द्वारा दोनों शिक्षकों का योगदान लेने से इनकार करने पर दोनों शिक्षकों ने पंचायत सचिव को आवेदन देकर इस स्थानांतरण आदेश को रद्द करने की मांग किया.इस आवेदन को कोई कार्रवाई नहीं होने पर दोनों शिक्षकों ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी,प्रखंड विकास पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी गोगरी तथा डीइओ खगड़िया को आवेदन देकर हाजिरी नहीं बनाने दिये जाने की शिकायत दर्ज कराया और कार्रवाई की मांग किया है.
दोनों पंचायत शिक्षकों के आवेदन पर कार्रवाई करते हुए प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी परबत्ता ने पत्रांक 11 दिनांक 19 जनवरी 17 के द्वारा पंचायत सचिव के द्वारा जारी स्थानांतरण आदेश को नियम विरुद्ध बताते हुए इसे रद्द करने का निर्देश जारी किया. लेकिन बीइओ के इस निर्देश को भी पंचायत नियोजन इकाई ने अनसुना कर दिया.
जिस विद्यालय में एक भी उर्दू के छात्र नामांकित नहीं लेकिन उर्दू शिक्षक का कर दिया तबादला
स्कूल के प्रधानाध्यापक ने छात्र नहीं रहने का बहाना बना योगदान लेने से किया इनकार
शिक्षा विभाग की गलती की सजा भुगत रहे दोनों शिक्षक, दो महीने से नहीं मिल रहा है वेतन. हो रही है परेशानी
कक्षा में अध्ययन को प्रतीक्षारत हैं छात्र, लेकिन शिक्षक बरामदे पर रहने को विवश
स्कूल के नाम से अनजान हैं सचिव
पंचायत शिक्षक नियोजन इकाई द्वारा दो पंचायत शिक्षकों के स्थानांतरण संबंधी आदेश में कई अन्य त्रुटियां भी हैं. बीइओ के निर्देश पत्र में कहा गया है कि वैसा पंचायत में नवसृजित प्राथमिक विद्यालय काली स्थान वैसा नाम का कोई स्कूल मौजूद नहीं है. इसके अलावा दोनों शिक्षक जिस विद्यालय में मूल रूप से पदस्थापित थे, उसके अलावा पंचायत में एक अन्य प्राथमिक विद्यालय है. जिसका नाम प्राथमिक विद्यालय वैसा उत्तर है. लेकिन इस विद्यालय में उर्दू के एक भी छात्र नहीं होने के कारण यहां उर्दू के शिक्षक का स्थानांतरण नहीं हो सकता है.
कहते हैं पंचायत सचिव : इस संबंध में पूछने पर पंचायत सचिव उपेन्द्र सिंह ने बताया कि बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के सचिव के पत्रांक 1123 दिनांक 07 अक्तूबर 16 के आदेश के आलोक में शिक्षकों का सामंजन अपेक्षित था. सरकार के इस आदेश के अनुपालन के संदर्भ में जिला शिक्षा पदाधिकारी खगड़िया के ज्ञापांक 1722 दिनांक 16 दिसंबर 16 के द्वारा शिक्षकों के सामंजन की सूची भी दी गयी. डीइओ के इस आदेश का अनुपालन करते हुए यह स्थानांतरण किया गया है.
क्या है वर्तमान स्थिति
इस मामले की ताजा स्थिति यह है कि अब यह मामला जिला शिक्षक नियोजन अपीलीय प्राधिकार में चला गया है. दरअसल इस स्थानांतरण से पीड़ित शिक्षकों में से एक शहबाज आलम ने प्रखंड तथा अनुमंडल में दिये गये आवेदनों पर कोई कार्रवाई नहीं होते देख इस बाबत जिलाधिकारी को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगायी है. डीएम कार्यालय ने इस आवेदन को अपीलीय प्राधिकार को स्थानांतरित कर दिया. जहां अपीलीय वाद संख्या 4/17 में सुनवाई आरंभ कर दी गयी है.