जमशेदपुर : भारत के विकास की गति संतोषजनक है. वर्ष 2005 से 2015 के बीच भारत ने तेजी से विकास किया है. भारतीय अर्थव्यवस्था जिस तेजी से आगे बढ़ रही है यह संभव है कि भारत की विकास दर डबल डिजिट को छू ले. अगर यह रफ्तार बरकरार रही, तो भारत 2050 तक दुनिया का सुपर पावर बन जायेगा. भारतीय अर्थव्यवस्था चीन को वर्ष 2040 तक पछाड़ देगी. गोदरेज समूह के चेयरमैन आदि गोदरेज ने एक्सएलआरआइ के 61वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में यह बात कही.
गोदरेज ने कहा कि भारत में नोटबंदी सरकार की अच्छी पहल है, इसका दूरगामी परिणाम देखने को मिलेगा. सरकार द्वारा जीएसटी बिल, आधार लिंक, स्टार्टअप, कैशलेस समेत अन्य योजनाअों की सराहना की. इससे पूर्व दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गयी. इस मौके पर संस्थान के अलग-अलग प्रोग्राम के कुल 606 विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट प्रदान किये गये. कार्यक्रम में गोदरेज समूह के चेयरमैन आदि गोदरेज को वर्ष 2016 का सर जहांगीर गांधी मेडल दिया गया. सामाजिक व अौद्योगिक शांति के लिए उन्हें यह मेडल दिया गया. श्री गोदरेज ने संस्थान से पास आउट होने वाले विद्यार्थियों को जीवन में सफलता के टिप्स भी दिये. मौके पर टाटा स्टील के एमडी सह एक्सएलआरआइ के बोर्ड अॉफ गर्वनर के चेयरमैन टीवी नरेंद्रन, एक्सएलआरआइ के डायरेक्टर फादर इ अब्राहम, डीन एकेडमिक्स आशीष पानी, डीन एडमिनिस्ट्रेशन फादर एस जॉर्ज समेत काफी संख्या में विद्यार्थी व उनके अभिभावक उपस्थित थे.
भ्रष्टाचार नहीं करने की ली शपथ
दीक्षांत समारोह में पहली बार एक बदलाव किया गया था. पास आउट होने वाले सभी विद्यार्थियों को डीन एकेडमिक्स आशीष कुमार पानी ने शपथ दिलायी कि वे पास होने के बाद जिस किसी भी कंपनी में कार्य करेंगे, या फिर वे उद्यमी बनेंगे कभी भी भ्रष्टाचार नहीं करेंगे. एथिक्स से किसी प्रकार का समझौता नहीं करेंगे.
विद्यार्थियों ने की मन की बात
दीक्षांत समारोह शुरू होने से पहले फादर प्रभु हॉल में एक समारोह का आयोजन हुआ जिसमें पास आउट अलग-अलग बैच से चुनिंदा विद्यार्थियों ने अपने बैच का प्रतिनिधित्व किया. इस दौरान उनसे कोर्स, फैकल्टी व संस्थान की सुविधाअों पर फीड बैक लिया गया. पहली बार ऐसा हुआ कि सभी ने अपने मन की बात की.
लंबी सेवा के लिए सम्मानित
दीक्षांत समारोह के कार्यक्रम में संस्थान के शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक कार्य करने वाले लोगों को भी सम्मानित किया गया. इसमें जेम्स प्रकाश तिर्की, शंकर प्रसाद गुप्ता, तापस नंदी को 25 साल की दीर्घकालीन सेवा जबकि फैकल्टी में प्रो. सुप्रिय कुमार डे को 15 साल की सेवा के लिए अतिथियों ने सम्मानित किया.