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आज का इंडिया मुझे 1930 के यूरोप की याद दिलाता है

पटना : आज का भारत मुझे 1930 के यूरोप की याद दिलाता है. ऐसा यूरोप जिसमें गरीबी थी, असमानता अपने चरम पर थी और इन सबके बीच राष्ट्रवाद का तड़का था. कुछ इसी तरह अब भारत में दिखाई दे रहा है. गरीबी है और अमीरी भी है, लेकिन दोनों के बीच गैप की गहरी खाई […]

पटना : आज का भारत मुझे 1930 के यूरोप की याद दिलाता है. ऐसा यूरोप जिसमें गरीबी थी, असमानता अपने चरम पर थी और इन सबके बीच राष्ट्रवाद का तड़का था. कुछ इसी तरह अब भारत में दिखाई दे रहा है. गरीबी है और अमीरी भी है, लेकिन दोनों के बीच गैप की गहरी खाई है.अब आप देखिये कि कैसे इसके बाद यूरोप में दूसरे विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि बनी और किस प्रकार परिवर्तन आया. ये बातें आद्री के सिल्वर जुबली सेलेब्रेशन में एम्सटर्डम इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस रिसर्च के प्रोफेसर प्रो जोहैनंस बर्मन ने कहीं. उद्घाटन के पहले सत्र में उन्होंने अनडिजर्विंग पुअर विषय पर बोलते हुए कहा कि असमान बंटवारे का वह दृश्य अब के भारत में दिखाई देता है. उन्होंने गुजरात से जुड़े अध्ययन का जिक्र करते हुए कहा कि कभी विकास का गुजरात मॉडल एक स्टेट का मॉडल हुआ करता था, आज यह धीरे-धीरे पूरे भारत देश का मॉडल होता चला जा रहा है. उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि केवल आर्थिक विकास या कहें पैसे का विकास ही क्या संपूर्ण विकास है?
जहां मानवीय विकास की अवधारणा पीछे छोड़ जाता है. ऐसा विकास अधूरा है. प्रोफेसर ने कहा कि मैं यह पूछता हूं कि जब गरीबी हटाओ का नारा बर्षों पहले एक सरकार ने दिया, तो उसका क्या हुआ? क्या वादे इसीलिए किये जाते हैं कि उसे डिलिवर नहीं किया जा सके? अभी जो सरकार काम कर रही है उसने भी 300 मिलियन जॉब देने का वादा किया है. क्या ये वादे पूरे किये जा रहे हैं?
राष्ट्रपति का गवर्नर व सीएम ने किया स्वागत
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी शुक्रवार को जब पटना पहुंचे, तो हवाई अड्डा पर उनका भव्य स्वागत किया गया. पटना हवाई अड्डा पर राज्यपाल रामनाथ कोविंद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें फूलों का गुलदस्ता भेंट किया और उनका कुशलक्षेम पूछा. पटना नगर निगम के मेयर अफजल इमाम, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक पीके ठाकुर, कैबिनेट के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा, पटना प्रमंडल के आयुक्त आनंद किशोर, पटना प्रक्षेत्र के डीआइजी शालीन, पटना के डीएम संजय कुमार अग्रवाल, एसएसपी मनु महाराज ने बारी–बारी से फूलों का गुलदस्ता भेंट कर राष्ट्रपति का स्वागत किया. राष्ट्रपति होटल मौर्या में आयोजित ‘ इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन बिहार एंड झारखंड : शेयर्ड हिस्ट्री टू शेयर्ड विजन’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए.
आद्री का रजत जयंती समारोह : विकास के लिए केंद्र व राज्य स्तर पर प्रयास करने की जरूरत
आद्री के रजत जंयती समारोह में राजपाल रामनाथ कोविंद ने कहा कि किसी बदलाव को लाने के लिए केंद्र और राज्य दोनों की बराबर की जवाबदेही होती है. किसी विकासात्मक कार्य के लिए भी दोनों स्तर पर प्रयास करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि बिहार के सामने मौजूद सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों को दूर करने के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास करने की जरूरत है.
किसी समस्या के समाधान के लिए उस पर फोकस करके केस स्टडी करने की जरूरत होती है. बिहार और झारखंड दोनों राज्यों के लिए इस तरह के प्रयास बेहद जरूरी हैं. बिहार में सामाजिक समस्याओं पर अध्ययन करने और उनका समाधान निकालने के लिए एक शोध संस्थान की स्थापना करने पर विचार करना चाहिए. राज्य में इस तरह के संस्थानों की संख्या बेहद कम है. इस वजह से भी सामाजिक क्षेत्रों में शोध नहीं होना मुख्य कारण हैं. उन्होंने कहा कि बिहार और पड़ोसी देश नेपाल के संबंध सिर्फ नदियों तक ही नहीं जुड़े हुए हैं. इन दोनों के बीच अन्य कई आयामों पर भी बेहतरीन संबंध हैं.
कार्यक्रम का संचालन करते हुए पूर्व सांसद एनके सिंह ने कहा कि बिहार और झारखंड राज्य देश की कुल जनसंख्या का 11.50 फीसदी हिस्सेदारी कवर करते हैं. देश के कुल भू-भाग की पांच फीसदी जमीन इनके पास है. फिर भी देश के जीडीपी में दोनों राज्यों की महज पांच फीसदी की हिस्सेदारी है. उन्होंने कहा कि यह गहन शोध का विषय है, कैसे 11.50 फीसदी आबादी की हिस्सेदारी को देश के जीडीपी में बढ़ाया जाये. इसके लिए क्या सराहनीय प्रयास करने की जरूरत है. आद्री संस्थान को इस पर खासतौर से शोध करना चाहिए. गणित और समाजशास्त्र पर शोध के लिए अलग से संस्थान स्थापित करने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि देश में बिहार और झारखंड के कारण ही पूर्व भारत आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ है. इस सम्मेलन में स्वागत संबोधन आद्री के सदस्य सचिव शैबाल गुप्ता ने किया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ने काफी तरक्की की है. धन्यवाद ज्ञापन लॉर्ड मेघनाथ देसाई ने की. इस कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव भी मौजूद थे.
पटना : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी एयरफोर्स के विशेष विमान से पटना पहुंचे. उनका विमान दोपहर 1.55 बजे पटना एयरपोर्ट पहुंचा. जहां उनका स्वागत किया गया. इसके बाद वह कार्यक्रम स्थल गये. उनके लौटने तक विमान की सुरक्षा विशेष निगरानी दल द्वारा की गयी.
वह दोपहर 2.35 में दिल्ली के लिए उड़ान भरे. उनके आगमन व प्रस्थान के वक्त पैसेंजर एरिया की बैरिकेडिंग की गयी थी. उन्हें राष्ट्रपति के आगमन व प्रस्थान के रास्तों की तरफ जाने नहीं दिया जा रहा था. विशेष विमान की लैंडिंग के आधा घंटा पहले रनवे की जांच की गयी. पटना एयरपोर्ट पर सुबह से ही आम लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दिया गया था. परिसर में सिर्फ यात्रियों को जाने दिया जा रहा था. एयरपोर्ट गेट पर ही सुरक्षाकर्मी यात्रियों के समानों की जांच कर रहे थे.
दस मिनट पहले बंद किया बेली रोड : उनका कारकेड गुजरने से दस मिनट पहले बेली रोड को जोड़ने वाले सभी रास्ते बंद कर दिये गये थे. ऑटो को आधे घंटे पहले से रोक दिया गया था. सचिवालय मोड़, चितकोहरा पुल, बोरिंग कनाल रोड, भोलटास मोड़, म्यूजियम रोड, बुद्ध मार्ग को बेली रोड मोड़ पर बंद कर दिया गया था. जिससे जाम जैसी स्थिति उत्पन्न हुई. लेकिन प्रतिनियुक्त कर्मियों ने जाम को आसानी से संभाल लिया. रूट बंद का असर एक्जीबिशन रोड पर ज्यादा देखने को मिला. डाकबंगला मोड़ बंद किये जाने के बाद एसपी वर्मा रोड व एक्जीबिशन रोड पर गाड़ियों की कतार लग गयी.
क्रेन से उठायी गयीं गाड़ियां :
कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने के बाद परिचालन शुरू किया गया. इस दौरान कई लोगों द्वारा सड़क किनारे गाड़ी पार्क करने पर क्रेन से उनकी गाड़ियां उठायी गयी. फ्रेजर रोड में गाड़ी उठाने को लेकर तू-तू मैं-मैं की भी स्थिति उत्पन्न हुई.

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