पटना : शास्त्रीनगर थाने के राजाबाजार ब्रहमस्थानी गली में देव्स डिपार्टमेंटल स्टोर के संचालक सुमित कुमार झा (25) को दुकान के अंदर सरेशाम गोलियाें से भून डाला. अपराधियों ने उसे छह गोली सिर में मारी और फिर शरीर में दो गोलियां दागी. पूरी तरह से मौत होने की पुष्टि करने के बाद अपराधी उस दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरा के डीवीआर और मोबाइल भी अपने साथ ले गये. घटना के बाद सुमित कुमार खून से लथपथ मृत पड़ा था और सारा सामान बिखरा था. गोलियों की आवाज किसी ने नहीं सुनी, जिसके कारण यह संभावना जतायी जा रही है कि साइलेंसर पिस्टल से गोली मारी गयी है. खून से लथपथ स्थिति में स्थानीय लोगों में से एक की नजर पड़ी और फिर हो-हल्ला हुआ और लोगों की भीड़ जमा हो गयी. घटना की जानकारी मिलने पर डीएसपी विधि व्यवस्था डा मो शिबली नोमानी, शास्त्रीनगर थानाध्यक्ष वीरेंद्र यादव, श्रीकृष्णापुरी थानाध्यक्ष अरविंद कुमार, राजीव नगर थानाध्यक्ष मृत्युंजय कुमार दल-बल के साथ वहां पहुंचे.
अप्रिय स्थिति से निबटने के लिए पूरे इलाके में काफी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गयी थी. पुलिस ने घटनास्थल से चार गोली के खोखा भी बरामद किया गया है. खोखा नाइन एमएम पिस्टल की बतायी जा रही है. एफएसएल की टीम ने भी दुकान के अंदर और बाहर छानबीन की और खून के नमूने भी उठाये. मौके पर भाजपा के दीघा विधानसभा के विधायक संजीव चौरसिया भी पहुंचे. इधर पुलिस ने जांच शुरू कर दिया है और आसपास दुकानों व बैंक एटीएम में लगे सीसीटीवी कैमरे के वीडियो फुटेज निकाल कर छानबीन की जा रही है.
सुमित के पिता फुन्नु झा भी अापराधिक चरित्र के थे और उन पर एक मुखिया की हत्या का आरोप लगा था. इसके बाद वे भी काफी चर्चा में आये थे और समस्तीपुर में अपना काफी दबदबा बना लिया था. लेकिन गिरोह के आपसी विवाद में 2012 में ही उनकी हत्या उनके ही गिरोह के डब्ल्यू झा ने कर दी थी. उसके बाद से पूरा परिवार ही समस्तीपुर इलाके से पटना पलायन कर गया था. जांच के क्रम में यह स्पष्ट है कि अपराधी सुमित को ही हत्या करने के उद्ेश्य से आये थे और घटना को अंजाम देकर निकल गये. सुमित मूल से समस्तीपुर के सलेमपुर रूपौली बाजार का रहने वाला है. पटना में वह नेहरू नगर वन विभाग के समीप मकान संख्या 287 में वह अपने बड़े भाई अभिजीत झा, भाभी, मां के साथ रहता था. लेकिन उक्त मकान के फ्लैट को उसने पांच माह पहले ही खाली कर दिया था.
स्थानीय निवासियों का कहना है कि उसके पिता फन्नू झा की भी हत्या हो चुकी थी और सुमित का नाम भी किसी मामले में था और समस्तीपुर की सरायरंजन पुलिस वहां पिछले साल छठ पूजा के दौरान उसे खोजने आयी थी. लेकिन उस समय घर में अभिजीत व सुमित मौजूद नहीं था. इसके बाद पुलिस वापस लौट गयी थी. इसके बाद उन लोगों ने घर खाली कर दिया था. लेकिन वे लोग कहां गये, इस बात की जानकारी किसी को नहीं थी. लोगों ने बताया कि उसका नाम सुमित के साथ ही गोविंद भी था. पुलिस ने भी दुकान के मालिक डाॅ पीसी जायसवाल से पूछताछ की, तो उन्होंने सुमित के साथ हुए दुकान के एकरारनामा की कॉपी दी. जिसमें से केवल यह जानकारी मिली कि वह समस्तीपुर का रहने वाला है. वह पटना में पटेल नगर के हरि अपार्टमेंट में रहता है. मकान मालिक श्री जायसवाल ने बताया कि उसने जून, 2016 में दुकान लिया था और जुलाई में खोला था. इधर, पुलिस उसके परिजनों को खोजने में लगी थी. इस घटना के प्रकाश में आने के बाद अब यह संभावना जतायी जा रही है कि हत्या के तार समस्तीपुर से ही जुड़े हुए है. उसके भाई अभिजीत झा का भी फोन स्विच ऑफ बता रहा था. घटनास्थल से एक स्कूटी बरामद की गयी है.
दो बजे दिन से रात तक सुमित और सुबह में दुकान खोलता था बड़ा भाई
बताया जाता है कि बड़ा भाई अभिजीत झा सुबह में दस बजे दुकान खोलने के लिए आता था और दो बजे दिन में सुमित वहां पहुंचता था. उन लोगों ने एक बुजुर्ग स्टाफ भी रखा था, लेकिन वह चार दिनों से छुट्टी में था. जिसके कारण दोनों भाई नियमित रूप से वहां आते थे. शुक्रवार को भी सुमित अपने नियत समय पर पहुंचा और काउंटर पर बैठ गया. करीब आठ बजे रात में वहां तीन से चार की संख्या में अपराधी पहुंचे और अंदर प्रवेश करते ही उस पर ताबड़तोड़ फायरिंग करने लगे. दुकान के अंदर के दृश्य से यह भी प्रतीत हो रहा था कि उन लोगों के बीच हाथापाई भी हुई थी, क्योंकि दुकान के सारे सामान बिखरे पड़े थे. अपराधियों ने संभवत: पकड़ कर सिर में पांच-छह गोली मारी और जब वह गिर गया तो शरीर में गोली मारी. अपराधी तब तक दुकान में रहे जब तक वे इस बात से आश्वस्त नहीं हो गये कि उसकी मृत्यु हो चुकी है. इसके बाद उन लोगों ने सीसीटीवी कैमरा का मॉनिटर फोड़ दिया और डीवीआर व सुमित का मोबाइल अपने साथ ले गये.
क्योंकि उसकी हत्या के बाद कुछ लोगों ने उसके नंबर पर फोन भी किया तो वह स्विच ऑफ मिला.