रायगंज: धरती की सबसे ऊंची चोटी पर आयोजित रक्तदान शिविर में रायगंज के एक पुस्तक विक्रेता कौशिक भट्टाचार्य हिस्सा लेंगे. वह ऐसा करने वाले उत्तर बंगाल के पहले व्यक्ति होंगे. वह एक विश्व रिकार्ड का गवाह बनने एवरेस्ट बेस कैम्प जा रहे हैं. इसका मकसद रक्तदान को बढ़ावा देना है.
एवरेस्ट बेस कैम्प लगभग छह हजार मीटर की ऊंचाई पर है. ऑक्सीजन की मात्रा यहां कम रहती है. चारों ओर बर्फ ही बर्फ होती है. ऐसी जगह पर रक्तदान शिविर का आयोजन किसी आश्चर्य से कम नहीं है. इस शिविर को गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में भी दर्ज किया जायेगा. शिविर 15 मार्च से शुरू हुआ है, जो आगामी पांच जून तक चलेगा. दुनिया के इस सबसे ऊंचे रक्तदान शिविर का आयोजन विशिष्ट चिकित्सक पासांग दोरजी शेरपा के प्रयास से हुआ है.
आयोजकों ने इस शिविर के उद्देश्यों के बारे में एक ब्लॉग पर भी जानकारी दी है. एवरेस्ट की चढ़ाई के दौरान पर्वतारोही जो कूड़ा-कचरा छोड़ जाते हैं, उसकी सफाई भी इस शिविर के दौरान की जायेगी. इसके अलावा कई सालों से एवरेस्ट में पड़ी लाशों को भी निकालने की कोशिश की जायेगी. हो सकता है कि इस प्रयास में दुर्गापुर के परेशनाथ और बैरकपुर के गौतम घोष की लाश भी बरामद हो जाये. बीते साल एवरेस्ट की चढ़ाई के दौरान बंगाल के ये दोनों पर्वतारोही बर्फ में दफन हो गये थे.
रायगंज के कौशिक भट्टाचार्य ने बताया कि दिल्ली के पास नोयडा में मार्च के पहले सप्ताह में रक्तदान को लेकर एक सेमिनार आयोजित हुआ था. इस सेमिनार में ब्लड डोनर्स एसोसिएशन ऑफ नेपाल नामक संगठन ने भी हिस्सा लिया था. सेमिनार में ही एवरेस्ट बेस कैम्प में रक्तदान शिविर आयोजित करने की घोषणा उन लोगों ने की थी. कौशिक भट्टाचार्य उत्तर दिनाजपुर ब्लड डोनर्स फोरम और फेडरेशन ऑफ ब्लड डोनर्स आर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया के सदस्य हैं. एवरेस्ट बेस कैम्प में रक्तदान के लिए उत्तर प्रदेश, गुजरात समेत कई राज्यों के लोग शामिल होने पहुंचेंगे.