सर्किट हाउस के केयरटेकर की जमानत अर्जी खारिज
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नक्सली संबंध के बाद ठगी का आरोपी निकला वीरेंद्र दास
सर्किट हाउस के केयरटेकर की जमानत अर्जी खारिज चाईबासा : परिसदन में ठहरने वाले अधिकारियों एवं राजनीतिज्ञों की नक्सलियों को सूचना देने के आरोपी वीरेंद्र दास अब मंत्री कोटा से रेल में नौकरी दिलाने के मामले में फंस गया है. चाईबासा सर्किट हाउस से आने जाने वाले मंत्री, राजनेताओं व वरीय अधिकारियों की सूचना मोबाइल […]
चाईबासा : परिसदन में ठहरने वाले अधिकारियों एवं राजनीतिज्ञों की नक्सलियों को सूचना देने के आरोपी वीरेंद्र दास अब मंत्री कोटा से रेल में नौकरी दिलाने के मामले में फंस गया है.
चाईबासा सर्किट हाउस से आने जाने वाले मंत्री, राजनेताओं व वरीय अधिकारियों की सूचना मोबाइल पर नोवामुंडी क्षेत्र में सक्रिय नक्सली शंकर सिरका को देने के मामले में एसपी माइकल राज एस के निर्देश पर वीरेंद्र दास को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. कई महीनों से नक्सलियों और वीरेंद्र दास की मोबाइल पर चल रही वार्ता पर नजर रखने के बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की थी.
नक्सली मामले में एक माह पूर्व उसकी जमानत उच्च न्यायालय से हो गयी. इधर नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी के मामले में गिरफ्तारी के बाद उसके शातिर होने का खुलासा होने लगा है. मंत्री कोटा से रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने के आरोप में न्यायालय से उसकी जमानत जिला न्यायालय से खारिज पर दी है.
नक्सलियों को सर्किट हाउस के वीआइपी की सूचना देने के मामले में 6 माह बाद जमानत मिलने के दूसरे दिन 5 फरवरी 2017 को उसे चक्रधरपुर के पोटरखोली की एक महिला से उसके बेटे को मंत्री कोटा से रेल में नौकरी दिलाने के नाम पर तीन लाख रुपये ठगने के मामले में जेल भेज दिया गया था. चक्रधरपुर की एस लक्ष्मी नामक महिला द्वारा दर्ज कराई गयी प्राथमिकी में बताया गया कि उसके पुत्र को रेल में मंत्री कोटा से नौकरी दिलाने के नाम पर बिरेंद्र दास और राजा ने तीन लाख रुपये लिये है. महिला ने बैंक से 2 लाख 30 रुपया निकाल कर देने एवं इसके अलावा 70 हजार रूपये देने का प्रमाण का अनुसंधानकर्ता को दिया है.
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