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3255 किमी सड़कें होंगी साढ़े पांच मीटर चौड़ी
2020 तक सिंगल लेन सड़क को इंटरमीडिएट लेन में बदला जायेगा, राज्य में सड़कों का विकास आवश्यक पटना :राज्य के किसी भी कोने से पांच घटे में पटना पहुंचने के लक्ष्य को लेकर सड़कों का निर्माण व उसका चौड़ीकरण होगा. ताकि आवागमन की सुविधा बढ़ सके. राज्य सरकार सभी प्रकार की सड़कों के चौड़ीकरण करायेगी. […]
2020 तक सिंगल लेन सड़क को इंटरमीडिएट लेन में बदला जायेगा, राज्य में सड़कों का विकास आवश्यक
पटना :राज्य के किसी भी कोने से पांच घटे में पटना पहुंचने के लक्ष्य को लेकर सड़कों का निर्माण व उसका चौड़ीकरण होगा. ताकि आवागमन की सुविधा बढ़ सके. राज्य सरकार सभी प्रकार की सड़कों के चौड़ीकरण करायेगी. 2020 तक 3255 किलोमीटर सिंगल लेन सड़क को इंटरमीडिएट लेन में बदला जायेगा. अर्थात अभी यह सड़कें तीन मीटर चौड़ी है, इसे साढ़े पांच मीटर चौड़ा किया जायेगा. सड़कों के चौड़ीकरण का काम अगले वित्तीय साल से शुरू होगा. इसे पांच साल में पूरा किया जायेगा. राज्य में जिला सड़क के अलावा स्टेट हाइवे सड़क भी सिंगल लेन का है. जहां स्टेट हाइवे सड़क सिंगल लेन है उसे चौड़ा किया जा रहा है.
पथ निर्माण विभाग ने 2035 तक की समस्या को देखते हुए सड़क का मास्टर प्लान तैयार की है. 2035 तक वाहनों की वृद्धि के अनुसार सड़कों का विकास आवश्यक है. जिससे आवागमन की सहूलियत हो सके. विभागीय सूत्र ने बताया कि 3255 किलोमीटर सिंगल लेन सड़क को साढ़े पांच मीटर चौड़ा किये जाने को लेकर कार्य योजना तैयार हो रहा है. योजना के तहत उन सड़कों का चयन होगा जो व्यस्ततम इलाके में होने के बावजूद अभी तक सिंगल लेन है. जिस पर वाहनों की आवाजाही है. राज्य में कुछ एनएच सड़क कहीं-कहीं सिंगल लेन है. उन सड़कों को केंद्र सरकार से चौड़ा कराने को लेकर प्रस्ताव भेजा जायेगा. जहां चौड़ा कराने का प्रस्ताव तैयार है. वहां काम में तेजी लायी जायेगी.
केंद्रीय एजेंसियां प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की 55 सड़कों का निर्माण छह साल बाद भी पूरा नहीं कर पायीं. 2011 तक इन सड़कों का निर्माण पूरा हो जाना था. सबसे अधिक 43 सड़कों का निर्माण एनपीसीसी नहीं करा पाया. सभी सड़कें पटना प्रमंडल के विभिन्न जिलों की है.
आधी-अधूरी 55 सड़कों की कुल लंबाई 318.97 किलोमीटर है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़कें केंद्रीय एजेंसियां भी बनाती थी. इन एजेंसियों का काम काफी धीमा होता था. इस वजह से राज्य सरकार ने आपत्ति जतायी. 2008-09 से इनको काम देना बंद कर दिया गया. सड़क निर्माण की इन योजनाओं को 2011 या उससे पहले पूरा हो जाना था लेकिन आज भी आधा अधूरा है. पिछले महीने इसके लेकर ग्रामीण विकास मंत्रालय में उच्चस्तरीय समीक्षा हुई थी . बैठक में एजेंसियों को फटकार भी लगायी गयी. एनपीसीसी ने बैठक में बताया था कि 36 सड़कों का एग्रीमेंट रद्द कर फिर से काम आवंटित किया गया है.
अगस्त तक काम पूरा हो जायेगा. एनपीसीसी के पास पटना की 12, नालंदा की 8, भोजपुर की 9, और बक्सर तथा कैमूर की सात- सात सड़कें है. इन सड़कों की कुल लंबाई 269.72 किलोमीटर है.
इसके अलावा एनबीसीसी के पास 3 सड़क जिसकी लंबाई 13.30 किलोमीटर, एनएचपीसी के पास 6 योजना की 27.45 किलोमीटर लंबी सड़क और सीबीडब्लूडी की 3 सड़क जिसकी लंबाई 8.5 किलोमीटर है. पिछले महीने हुई बैठक में राज्य के ग्रामीण कार्यमंत्री शैलेश कुमार ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री से इसमें हस्तक्षेप की मांग की थी.
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