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निगरानी से मदद लें, चार सप्ताह में रिपोर्ट दें : कोर्ट

पटना : पटना उच्च न्यायालय ने बुधवार को पटना विवि के छात्रावासों में कुछ महीनों में हुए बम विस्फोट की वारदात और सैदपुर छात्रावास में बम बनाने की घटनाओं पर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए पटना पुलिस को कार्रवाई कर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन एवं न्यायमूर्ति सुधीर सिंह की […]

पटना : पटना उच्च न्यायालय ने बुधवार को पटना विवि के छात्रावासों में कुछ महीनों में हुए बम विस्फोट की वारदात और सैदपुर छात्रावास में बम बनाने की घटनाओं पर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए पटना पुलिस को कार्रवाई कर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन एवं न्यायमूर्ति सुधीर सिंह की खंडपीठ ने चार सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है.कोर्ट ने पटना पुलिस को आदेश दिया की यदि आवश्यकता हो तो वे इन घटनाओं की जांच करने में निगरानी विभाग की मदद लें. ताकि आपराधिक एवं असामाजिक तत्वों पर अंकुश लगाते हुए उनका साया पटना विवि के छात्रावासों एवं पटना जिला में स्थित सभी छात्रावासों से हट जाये.
खंडपीठ ने यह आदेश स्वत: संज्ञान में लिये जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान जारी किया. केस की सुनवाई शुरू हुई तो सामाजिक कार्यकर्ता गुड्डू बाबा ने कोर्ट के समक्ष पांच फरवरी को प्रभात खबर में छपे पटना कॉलेज के नूतन छात्रावास में हुए बम विस्फोट संबंधित घटना के समाचार कतरन को पेश किया. याचिकाकर्ता ने कहा कि इसके पहले सैदपुर छात्रावास में बम बनाने की घटना पिछले साल अक्तूबर में हुई थी. इसका संज्ञान लेतेे हुए उच्च न्यायालय ने 28 अक्तूबर, 2016 को पटना के डीएम एवं एसपी को छात्रावास परिसर को अपने कस्टडी में लेने को कहा. फिर भी असामाजिक तत्व छात्रावासों में सक्रिय हो रहे हैं. खंडपीठ ने पटना पुलिस को चार सप्ताह के अंदर पटना के सभी छात्रावासों को असामाजिक तत्वों से मुक्त कर न्यायालय को इसकी रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है.
वृद्धाश्रम बनाने की प्रगति रिपोर्ट दें
पटना. पटना उच्च न्यायालय ने बुधवार को राज्य सरकार को पटना, गया एवं पूर्णिया में बनने वाले वृद्धाश्रम के निर्माण की प्रगति रिपोर्ट चार सप्ताह में देने को कहा है. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन एवं न्यायमूर्ति सुधीर सिंह ने यह आदेश पटना सिविल सोसायटी की जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दिया.
सरकार बजट में वकीलों के लिए करे प्रबंध
पटना उच्च न्यायालय के तीनों अधिवक्ता एसोसिएशन के को-आर्डिनेशन समिति के अध्यक्ष, योगेश चंद्र वर्मा ने राज्य सरकार से गुजरिश की कि वह अपने पूरक बजट में अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए बजटीय उपबंध करें. उन्होंने कहा कि राज्य के सभी कोर्ट परिसरों में अधिवक्ताओं, अधिवक्ता लिपिकों तथा केस संबंधित मामले के लिए आधरभूत सुविधाओं का विकास किया जाना चाहिए. पत्रकारों से बात करते हुए वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने कहा कि अधिवक्ताओं का योगदान स्वतंत्रता संग्राम में अहम रहा है. लेकिन, आज उनकी उपेक्षा हो रही है.
अदालत में साधनों में कमी होने के कारण वे अपने काम में सक्षम नहीं हो पा रहे हैं. श्री वर्मा ने कहा कि आधारभूत सुविधाओं के अलावा अधिवक्ताओं को सामाजिक सुरक्षा की आवश्यकता है. चूंकि वो काफी महत्वपूर्ण न्यायिक व्यवस्था लागू करने में लगे रहते हैं, इसलिए राज्य सरकार को उन परविशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं कोअपने आत्म सम्मान का विशेष ध्यान देना चाहिए.

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