16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नदियों को वैधानिक दर्जा

गंगा व यमुना, दोनों नदियों को जीवित इनसान की तरह अधिकार मिल गया है. गंगा को देश की अमृतरेखा, तो यमुना को जीवनदायिनी नदी कहा जाता है. इन दोनों नदियों का हिंदू धर्म में ऊंचा स्थान है. लेकिन इन नदियों पर ध्यान नहीं देने से ये नदियां बुरी तरह गंदगी व प्रदूषण की चपेट में […]

गंगा व यमुना, दोनों नदियों को जीवित इनसान की तरह अधिकार मिल गया है. गंगा को देश की अमृतरेखा, तो यमुना को जीवनदायिनी नदी कहा जाता है. इन दोनों नदियों का हिंदू धर्म में ऊंचा स्थान है. लेकिन इन नदियों पर ध्यान नहीं देने से ये नदियां बुरी तरह गंदगी व प्रदूषण की चपेट में फंस चुकी हैं.
इन्हें स्वच्छ करने के लिए इनमें कारखानों से छोड़े जाने वाले प्रदूषित व रासायनिक जल पर पूरी तरह रोक लगाना जरूरी है, जो आज संभव नहीं दिख रहा है. प्रदूषित जल को ट्रीटमेंट प्लांट में प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही नदी में छोड़ा जाना है, लेकिन इस महत्त्वपूर्ण बात पर कोई ध्यान नहीं दे रहा. हजारों करोड़ रुपये दोनों नदियों की स्वच्छता पर खर्च हो चुके हैं, फिर भी उस खर्च के अनुसार कुछ बेहतर काम नजर नहीं आ रहा. आखिर कब तक ये खर्चे चलते रहेंगे?
अमित पडियार, इमेल से

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें