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कार्यक्रम. बिहार दिवस पर जिले के अिधवक्ताओं ने विकास के मुद्दे पर दी अपनी राय सरकार के अब तक के निर्णयों में शराबबंदी सर्वश्रेष्ठ शिक्षा, स्वास्थ्य व जविप्र पर विशेष ध्यान देने की जरूरत भ्रष्टाचार व अनियमितता विकास की गति में रोड़े सीतामढ़ी : सूबे में 22 से 24 मार्च तक ‘बिहार दिवस’ मनाया जाना […]

कार्यक्रम. बिहार दिवस पर जिले के अिधवक्ताओं ने विकास के मुद्दे पर दी अपनी राय

सरकार के अब तक के निर्णयों में शराबबंदी सर्वश्रेष्ठ
शिक्षा, स्वास्थ्य व जविप्र पर विशेष ध्यान देने की जरूरत
भ्रष्टाचार व अनियमितता विकास की गति में रोड़े
सीतामढ़ी : सूबे में 22 से 24 मार्च तक ‘बिहार दिवस’ मनाया जाना है. इसकी तैयारी राज्य से पंचायत स्तर तक अंतिम चरण में है. जिला स्तर पर बिहार दिवस को लेकर भव्य तैयारी चल रही है.
इसी बीच प्रभात खबर की ओर मंगलवार को व्यवहार न्यायालय परिसर स्थित जिला अधिवक्ता संघ के सभागार में विद्वान अधिवक्ताओं के बीच बिहार स्थापना दिवस पर परिचर्चा आयोजित की गयी. खास कर वरीय अधिवक्ताओं ने सूबे की अब तक के विकास व अग्रेतर विकास के लिए कुछ बिंदुओं पर चर्चा की. उनका कहना था कि सूबे को विकासशील बिहार कहने में कोई दो मत नहीं है. विभिन्न क्षेत्रों में विकास हुआ है, पर विकास के विभिन्न पहलुओं में अभी और अधिक सुधार की जरूरत है.
सूबे के विकास के लिए सरकार द्वारा अब तक के लिये गये निर्णयों में शराबबंदी सबसे अहम है. इसके साथ हीं शिक्षा, आइसीडीएस, जविप्र व स्वास्थ्य समेत अन्य विभागों पर विशेष ध्यान देने के साथ हीं भ्रष्टाचार, स्वच्छता व अतिक्रमण जैसे विभिन्न अहम मुद्दों पर विशेष ध्यान देते हुए कड़ी कार्रवाई की जरूरत है ताकि समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं व सुविधाओं का लाभ पहुंच सके. इसके साथ हीं कुछ वरीय अधिवक्ताओं ने अपने व्यक्तिगत राय के माध्यम से भी सरकार के ध्यान का को आकृष्ट कराना चाहा है जो इस प्रकार है :-
अखिलेंद्र नाथ वर्मा : संघ के अध्यक्ष व वरीय अधिवक्ता अखिलेंद्रनाथ वर्मा का कहना है कि सूबे में विकास हुआ है, पर जब तक भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त नहीं किया जायेगा तक सर्वांगीण विकास संभव नहीं है. स्थापना दिवस पर हम सबों को भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश बनाने का संकल्प लेना होगा. यही विकास का मूल मंत्र है. अन्यथा जो परिस्थितियां बनी हुई है, इससे बिहार विनाश की ओर जा रहा है.
रामपदार्थ मिश्र : संघ के उपाध्यक्ष रामपदशर्थ मिश्र का कहना है कि सरकार द्वारा शराबबंदी को लेकर लिया गया निर्णय अब तक के निर्णयों में सर्वश्रेष्ठ निर्णय है. इसी प्रकार से अन्य विभाग व योजनाओं से कड़े कानून बना कर भ्रष्टाचार को समाप्त करने की जरूरत है. हालांकि, उन्होंने कहा कि इसके लिए आमलोगों को भी अपनी मानसिकता को बदलने व सरकार के प्रति सहयोग की भावना से काम करने की जरूरत है.
नरेंद्र प्रसाद सिन्हा : वरीय अधिवक्ता नरेंद्रनाथ सिन्हा ने कहा कि राज्य की अलग स्थापना के बाद सूबे की सर्वागीण विकास हुआ है. पहले हम कोलकत्ता हाइकोर्ट से जुड़े थे. अब अपना पटना हाइकोर्ट है. झारखंड बंटवारे के बाद भी यहां 38 जिलों का विकास जारी है. यातायात, विश्वविद्यालय, अच्छे कॉलेजों, कृषि विश्वविद्यालय, एम्स एवं एम्स सरीखे पांच मेडिकल कॉलेज अस्पतालों की भी स्थापना हुई है. सबसे पहले सूबे में हीं उत्पाद अधिनियम-2016 बना. अत: बिहार दिवस अमर रहे यही हमारा नारा है.
केएन शर्मा : सूबे की सर्वांगीण विकास के लिए जातिवाद, परिवारवाद, सांप्रदायवाद के साथ हीं ऊपर से नीचे तक फैले भ्रष्टाचार के विरुद्ध सरकार द्वारा कारगर कदम उठाने की जरूरत है. साथ हीं इस प्रकार के मानसिकता वाले लोगों को अपने में बदलाव के साथ हीं सरकार को सहयोग करने की जरूरत है. तभी सूबे का समुचित विकास संभव है. बिहार दिवस पर हम सबों को सूबे से भ्रष्टाचार को दूर करने का संकल्प लेना चाहिए.
सिया रघुनंदन शरण : सूबे के विकास के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने ड्यूटी के प्रति ईमानदार होना होगा. साथ हीं सरकार को सूबे में व्याप्त भ्रष्टाचार व विभिन्न योजनाओं की अनियमितता को कड़े कानून बना कर समाप्त करना होगा.
वोशाक अहमद : सूबे में अब तक विकास संतोषप्रद है. आगे सरकार को सूबे के कुछ बाढ़ व सुखाड़ग्रस्त क्षेत्र में विशेष ध्यान देने की जरूरत है. साथ हीं राजनीति को जातिवाद व संप्रदायवाद से अलग करने की जरूरत है. इसके बाद हीं सर्वांगीण विकास संभव हो पायेगा.

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