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दर्जा ए ग्रेड जंकशन का, सुविधा सी ग्रेड की

विभागीय उदासीनता. मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहा है पूिर्णया रेलवे स्टेशन, यात्री परेशान प्लेटफाॅर्म पर यात्री शेड का अभाव रहने के कारण यात्रियों को खासकर ठंड व बारिश के दिनों में खुले में ट्रेनों पर चढ़ना-उतरना पड़ता है. पूर्णिया : रेल मंत्रालय ने वर्षों पहले राज्य के कई रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की सुविधा बहाल […]

विभागीय उदासीनता. मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहा है पूिर्णया रेलवे स्टेशन, यात्री परेशान

प्लेटफाॅर्म पर यात्री शेड का अभाव रहने के कारण यात्रियों को खासकर ठंड व बारिश के दिनों में खुले में ट्रेनों पर चढ़ना-उतरना पड़ता है.
पूर्णिया : रेल मंत्रालय ने वर्षों पहले राज्य के कई रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की सुविधा बहाल करने की घोषणा की थी जिसमें पूर्णिया रेलवे स्टेशन भी शामिल है. पूर्णिया जंकशन को ए ग्रेड का दर्जा दिया गया है.
वैसे तो जंकशन पर पहले की अपेक्षा वर्तमान में काफी हद तक सुधार और सुविधा मुहैया करायी गयी है. जंकशन पर पहले छोटी लाइन के ट्रेन का परिचालन होता था, लेकिन अब यह बड़ी लाइन का स्टेशन बन गया है. यहां से जोगबनी, कटिहार व सहरसा रूट के लिए दर्जनों ट्रेनों का परिचालन हर दिन होता है.
साथ ही लंबी दूरी की ट्रेन में कोलकाता के लिए चित्तपुर एक्सप्रेस और दिल्ली के लिए सीमांचल ट्रेन परिचालित होती है. स्टेशन पर कुल तीन प्लेटफार्म और पूर्वी ओर मालगाड़ी के लिए रैक प्वाइंट भी है. यहां दैनिक हजारों लोगों का आना-जाना होता है. न इसके बावजूद पूर्णिया जंकशन आम सुविधाओं से वंचित है. स्टेशन को दर्जा ए ग्रेड का मिला है, लेकिन यहां सी ग्रेड मुश्किल से उपलब्ध है.
समस्याओं से ग्रसित है पूर्णिया जंकशन
जंकशन को ए ग्रेड का दर्जा मिल तो गया, लेकिन यहां सुविधाओं का आज भी अभाव है. प्लेटफार्म पर यात्री शेड का अभाव है. यहां पुराना शेड है, जो स्टेशन की लंबाई के हिसाब से काफी छोटा है. बड़ी लाइन के ट्रेन परिचालन होने के बाद स्टेशन की लंबाई भी बढ़ा दी गयी है. यहां मुश्किल से चार कोच ही शेड के नीचे रहते हैं और बांकी कोच आसमान के नीचे .
खासकर ठंड और बारिश के समय यात्रियों को प्लेटफार्म के खुले में ट्रेन पर चढ़ना-उतरना पड़ता है. वहीं स्टेशन पर जिस हिसाब से यात्रियों की संख्या बढ़ रही है, उस हिसाब से स्टेशन की चौड़ाई काफी कम है. स्टेशन पर ट्रेन रूकने के बाद ट्रेन में चढ़ने और उतरने वाले यात्रियों का दबाव बढ़ जाता है. कभी-कभार यात्री स्टेशन पर फिसल कर दुर्घटना का शिकार भी हो जाते हैं. इसके अलावा स्टेशन परिसर में यूरिनल और शौचालय का भी अभाव है.
स्टेशन परिसर और प्लेटफाॅर्म पर जो रोशनी की व्यवस्था है, वह पर्याप्त नहीं है. लाइट सिर्फ शेड तक ही सीमित है. प्लेटफार्म नंबर 1,2,3 को छोड़ कर कहीं भी लाइट की व्यवस्था नहीं है. जिसके कारण शाम होते ही अंधेरा छा जाता है. इसके कारण रात के समय में यात्रियों को अपने मोबाइल टार्च के सहारे ही जान जोखिम में डाल कर ट्रेन में चढ़ना-उतरना पड़ता है.
वहीं यात्रियों की सुविधा और जानकारी के लिए माइकिंग सुविधा दी गइ्र है, लेकिन वह भी पर्याप्त नहीं है. प्लेटफाॅर्म के शेड तक ही माइकिंग सुविधा उपलब्ध है. जबकि यात्री प्लेटफाॅर्म के अंतिम छोर तक ट्रेन की प्रतीक्षा में रहते हैं. इन यात्रियों तक ट्रेन के बारे में जानकारी नहीं मिल पाती है.
स्टेशन पर ए ग्रेड की सुविधा मुहैया कराने के लिए विभाग को स्मरण पत्र भेज दिया गया है. अब तक कोई जवाब नहीं मिला है. जंक्शन पर ए ग्रेड की सुविधा देना आवश्यक है. इसके अभाव में रेल कर्मचारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
मुन्ना कुमार, स्टेशन प्रबंधक, पूर्णिया जंकशन.

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