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बॉर्डर चेक पोस्ट पर होनेवाली देरी से 43 हजार करोड़ का नुकसान

आइआइएम-कोलकाता की सर्वे रिपोर्ट में हुआ खुलासा महाराष्ट्र, राजस्थान व हरियाणा बॉर्डर चेकपोस्ट पर चेकिंग की बजाये फ्लाइंग स्कवाड चेकिंग सिस्टम लागू कोलकाता : बॉर्डर चेकपोस्ट पर चेकिंग की वजह से लगनेवाली ट्रकों की कतार के कारण माल के दूसरे राज्य पहुंचने में काफी समय बर्बाद होता है. इसका असर सीधे रूप से अर्थव्यवस्था पर […]

आइआइएम-कोलकाता की सर्वे रिपोर्ट में हुआ खुलासा

महाराष्ट्र, राजस्थान व हरियाणा बॉर्डर चेकपोस्ट पर चेकिंग की बजाये फ्लाइंग स्कवाड चेकिंग सिस्टम लागू
कोलकाता : बॉर्डर चेकपोस्ट पर चेकिंग की वजह से लगनेवाली ट्रकों की कतार के कारण माल के दूसरे राज्य पहुंचने में काफी समय बर्बाद होता है. इसका असर सीधे रूप से अर्थव्यवस्था पर भी पड़ता है. आजादी के बाद का सबसे बड़ा आर्थिक सुधार माने जानेवाले जीएसटी बिल में इस समस्या की ओर भी ध्यान दिया गया है.
जीएसटी काउंसिल बॉर्डर पर ट्रकों की आवाजाही को अवरोधकों से दूर रखने के लिए टास्क फोर्स बनायेगा, जिससे अर्थव्यवस्था पर माल के देर से पहुंचने पर होनेवाले नुकसान से बचा जा सके. आइआइएम-कोलकाता की एक स्टडी के मुताबिक बॉर्डर चेकपोस्ट पर होनेवाली देरी के कारण अर्थव्यवस्था को करीब 43 हजार करोड़ का नुकसान होता है
. इसके अलावा चेकपोस्ट पर ईंधन भी बर्बाद होता है. सड़क मंत्रालय द्वारा की गयी एक और स्टडी में पाया गया कि जरूरी कागजात न होने के कारण रोके जानेवाले ट्रकों की संख्या एक प्रतिशत से भी कम होती है. एक कंसल्टेंसी फर्म की स्टडी में पाया गया कि ट्रकों का चेकपोस्ट पर बर्बाद होनेवाला समय कुल सफर के समय का 10 प्रतिशत है. कुछ राज्य जैसे महाराष्ट्र, राजस्थान और हरियाणा बॉर्डर चेकपोस्ट पर चेकिंग की बजाय फ्लाइंग स्कवाड के जरिये चेकिंग सिस्टम बना चुके हैं.
जानकारों के मुताबिक इससे चेकपोस्ट पर बर्बाद होनेवाले समय में काफी कमी आयी है. जीएसटी के आने से गुड्स के ट्रांसपोर्ट में तेजी आयेगी, लेकिन बॉर्डर चेकपोस्ट पर चेकिंग एक बाधा बनी रहेगी. इसे देखते हुए जीएसटी काउंसिल टास्क फोर्स बनाने पर विचार कर रहा है.

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