कोषागार के ही एक कर्मचारी की पहचान के बाद जांच शुरू हुई. कोषागार के वरीय पदाधिकारी की टीम की छापेमारी में स्टांप बेचने वाला दुकानदार भी फरार हो गया. कोषागार पदाधिकारी मनीष कुमार ने स्टांप बेचने वाले दुकानदार के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एसबीआइ मुख्य शाखा से पूरा कागजात मांगा है. साथ ही लोन आवेदक का लोन रोक दिया गया है. लोन आवेदक से भी नकली स्टांप की जांच में सहयोग लिया जायेगा.
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भागलपुर में बिक रहे नकली स्टांप, चल रहा रैकेट
भागलपुर: भागलपुर में नकली स्पेशल एडहेशिव स्टांप (गैर न्यायिक कार्य के लिए) की बिक्री का सनसनीखेज खुलासा हुआ है. इस रैकेट में शामिल लोग नकली स्टांप पर कोषागार पदाधिकारी का अभिप्रमाणित हस्ताक्षर भी कर दे रहे हैं. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की मुख्य शाखा में शनिवार को वन विभाग के कर्मचारी के लोन आवेदन में […]
भागलपुर: भागलपुर में नकली स्पेशल एडहेशिव स्टांप (गैर न्यायिक कार्य के लिए) की बिक्री का सनसनीखेज खुलासा हुआ है. इस रैकेट में शामिल लोग नकली स्टांप पर कोषागार पदाधिकारी का अभिप्रमाणित हस्ताक्षर भी कर दे रहे हैं. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की मुख्य शाखा में शनिवार को वन विभाग के कर्मचारी के लोन आवेदन में नकली स्टांप के प्रयोग का मामला सामने आया.
ऐसे पकड़ में आया मामला. वन विभाग के कर्मचारी योगेंद्र यादव ने अपनी बेटी की शादी के लिए एसबीआइ मुख्य शाखा में लोन आवेदन किया. लोन आवेदन के कागजात की जांच के दौरान समीप में कोषागार कर्मचारी धर्मवीर भी बैठा था. अचानक उसकी नजर नकली स्टांप पर पड़ी, जिस पर कोषागार पदाधिकारी का जाली हस्ताक्षर किया गया था. उसने कागजात के आवेदक को कोषागार कार्यालय बुलाया. वहां पर उससे स्टांप बेचने वाले व्यक्ति के बारे में पूछा गया. कोषागार पदाधिकारी मनीष कुमार व उनकी टीम योगेंद्र यादव को लेकर संबंधित दुकान पर गयी. मगर वहां पर दुकानदार गायब मिला. आसपास पूछने पर दुकानदार का नाम मांगन बताया गया.
यह होता है स्पेशल एडहेशिव स्टांप. स्टांप का प्रयोग गैर न्यायिक कार्य के लिए होता है. इसमें बैंक से लोन लेने, अहम शपथ पत्र का काम, सरकारी फीस जमा करने, कोई बड़ी नकद राशि के लेन-देन में होता है.
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