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कैसे मिली योगी आदित्यनाथ को यूपी की कमान, पढ़िये पूरा घटनाक्रम

लखनऊ : विधानसभा चुनाव के एलान के साथ ही. यह सवाल उठने लगे कि यूपी का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा. चुनावी रैलियों में भी विरोधियों ने इसे लेकर सवाल खड़ा किया. भाजपा किसके नेतृत्व में चुनाव लड़ रही है ?. क्या हर जगह पीएम मोदी का चेहरा ही सामने रखा जायेगा ?. राज्य में उनके […]

लखनऊ : विधानसभा चुनाव के एलान के साथ ही. यह सवाल उठने लगे कि यूपी का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा. चुनावी रैलियों में भी विरोधियों ने इसे लेकर सवाल खड़ा किया. भाजपा किसके नेतृत्व में चुनाव लड़ रही है ?. क्या हर जगह पीएम मोदी का चेहरा ही सामने रखा जायेगा ?. राज्य में उनके पास कोई चेहरा नहीं है. समाजवादी पार्टी अखिलेश के चेहरे के साथ तो बसपा मायावती की अगुवाई में चुनाव लड़ रही थी.

यूपी की 402 विधानसभा सीटों में भाजपा गठबंधन को कुल 325 सीटें मिली. जीत के साथ ही एक बार फिर यूपी के मुख्यमंत्री के चेहरे पर चर्चा शुरू हो गयी. कई नाम सामने आये जिनमें गृहमंत्री राजनाथ सिंह, मनोज सिन्हा, केशव प्रसाद मौर्य और योगी आदित्यनाथ प्रमुख थे. आज विधायक दल की बैठक में योगी को यूपी की कमान सौंप दी गयी. कल शपथग्रहण समारोह होना है. समारोह में कई केंद्रीय मंत्री और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिरकत करेंगे. इस पूरे सफर में योगी का चेहरा कैसे धीरे- धीरे बड़ा होता गया. कैसे उन्हें यूपी की अहम जिम्मेदारी मिली. योगी को उनकी कट्टरहिंदूत्व की छवि का कितना फायदा हुआ. मनोज सिन्हा , केशव प्रसाद मौर्य कैसे यूपी के सीएम की रेस में पीछे रह गये.
मनोज सिन्हा के नाम की थी खूब चर्चा
यूपी में मुख्यमंत्री कौन होगा. जिस नाम की सबसे ज्यादा चर्चा रही उनमें मनोज सिन्हा का नाम सबसे आगे थे. विधायक दल की बैठक से चंद घंटे पहले तक मीडिया और विश्लेषक मनोज सिन्हा को ही यूपी का मुख्यमंत्री मान रहे थे.‘विकीपीडिया’ ने केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा का नाम पहले ही राज्य के 21वें मुख्यमंत्री के रुप में दर्ज कर दिया था. माना जाता है कि मनोज के नाम पर कई वरिष्ठ नेताओं ने आपत्ति जतायी जिसके बाद उनका नाम लिस्ट से हट गया. मनोज सिन्हा ने भी मीडिया से बातचीत के दौरान खुद को रेस से बाहर बताया. उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री होने का दावा नहीं करता औऱ ना ही किसी रेस में हूं.
योगी के समर्थन मे नारेबाजी और हवन
योगी आदित्यनाथ यूपी के अगले सीएम होंगे. योगी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कभी इनकार नहीं किया कि वह मुख्यमंत्री की रेस में नहीं हैं. उन्होंने कई बार इशारों में तो कभी सीधे संकेत दे दिये कि वह सीएम बनना चाहते हैं. एक टीवी चैनल को दिये इंटरव्यू में उन्होंने साफ कर दिया था कि उनमें मुख्यमंत्री बनने के सारे गुण है. दूसरी तरफ योगी के समर्थक भी लगातार उन्हें सीएम बनाने की मांग करते रहे. आज विधायक दल की बैठक से पहले लखनऊ और बैठक स्थल पर उनके समर्थकों की भारी भीड़ जमा रही.
2019 की तैयारी
भाजपा को यूपी में भले ही प्रचंड बहुमत मिला हो लेकिन भाजपा का लक्ष्य 2019 है. यूपी में अगले दो साल का काम बेहद महत्वपूर्ण होगा. 2014 लोकसभा चुनाव में भी यूपी में भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन किया था. अमित शाह को यूपी की जिम्मेदारी मिली थी और यहां अपने बेहतर प्रदर्शन के दम पर उन्होंने भाजपा अध्यक्ष की कुरसी हासिल की.

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