इस पेंशन को सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी यूनियन प्रतिनिधि व प्रबंधन के प्रतिनिधि शामिल रहेंगे. पेंशन का एरियर नहीं मिलेगा. दो प्रतिशत वाली रकम जिनकी नौकरी अभी है, उनके पेंशन फंड में समाहित हो जायेगी. यह जानकारी फेडरेशन ऑफ रिटायर्ड सेल इम्प्लॉइज (फोर्स) के अध्यक्ष एसएनपी गुप्ता व महामंत्री राम आगर सिंह ने शुक्रवार को दी.
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रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन लागू करने का रास्ता साफ
बोकारो: जनवरी 2007 के बाद रिटायर्ड अधिकारियों व 2012 के बाद रिटायर्ड कर्मचारियों को पेंशन लागू करने का रास्ता साफ हो गया है. सेल-बोर्ड ने 2600 करोड़ रुपये पेंशन फंड में जमा करने के लिए हरी झंडी दे दी है. यह पेंशन वर्तमान में मिल रही इपीएस-95 वाली पेंशन के अतिरिक्त होगी. इसमें अधिकारियों व […]
बोकारो: जनवरी 2007 के बाद रिटायर्ड अधिकारियों व 2012 के बाद रिटायर्ड कर्मचारियों को पेंशन लागू करने का रास्ता साफ हो गया है. सेल-बोर्ड ने 2600 करोड़ रुपये पेंशन फंड में जमा करने के लिए हरी झंडी दे दी है. यह पेंशन वर्तमान में मिल रही इपीएस-95 वाली पेंशन के अतिरिक्त होगी. इसमें अधिकारियों व कर्मचारियों को अपनी तरफ से कोई रकम नहीं देनी होगी.
श्री गुप्ता व श्री सिंह ने बताया : मेडिक्लेम में फोर्स की मांग तीन साल की अवधि के लिए करने की थी. लेकिन, इस वर्ष के टेंडर में इसको दो साल के लिए किया गया है, जो 17-18 और 18-19 के लिए होगा. इसको फोर्स आंशिक सफलता मान रही है. इसको आगे तीन साल के लिए करने के लिए संघर्ष जारी रहेगा. प्रीमियम राशि का भुगतान सेल अपने कॉरपोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी फंड से करे, जैसा की अन्य सार्वजानिक प्रतिष्ठानों में हो रहा है. यह मांग फोर्स की एक प्रमुख मांग है. लीज के लिए खाली पड़े आवासों को बीएसआरइए सूचीबद्ध कर रही है. उसमें हो रहे रेवेन्यू की क्षति का आकलन कर रही है. फोर्स की मांग है कि सभी बंद किये गये हेल्थ सेंटर को चालू किया जाय. वहां सभी जीवन रक्षक दवा उपलब्ध हो.
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