14 मार्च तक हुआ जीएसटी के तहत निबंधन
विवेक कुमार सिंह
सीवान : जिले में विभिन्न कारोबारों से जुड़े तीन हजार से अधिक कारोबारियों के रजिस्ट्रेशन को रिटर्न दाखिल नहीं करने पर वाणिज्यकर विभाग ने निलंबित कर दिया है. इसके बाद से ये लोग इस रजिस्ट्रेशन पर कोई कारोबार नहीं कर सकेंगे. अगर वे इसके बाद भी कारोबार करना चाहेंगे, तो उन्हें आर्थिक दंड भरना पड़ेगा. ये कार्रवाई कर अथवा रिटर्न दाखिल नहीं करने को लेकर विभाग ने की है. विभाग का मानना है कि जिले में विभिन्न कारोबारों से जुड़े लोगों ने फायदे को लेकर वैट के तहत निबंधन तो करा लिया, फिर काम निकलने के बाद कायदे कानून को ठेंगा देखा दिया है. आज तक एक हिस्से से अधिक लोगों ने कर अथवा रिटर्न को दाखिल तक नहीं किया है. इस कारण विभाग को राजस्व को पूरे वर्ष में चूना लगता रहा. पूरे सूबे में जहां एक लाख कारोबारियों के रजिस्ट्रेशन को निलंबित किया गया है, जिसमें सीवान के तीन हजार लोगों की रजिस्ट्रेशन निलंबित किया गया है.
मालूम हो कि वैसे कारोबारी, जिन्होंने लगातार 12 महीनों अथवा इससे अधिक अवधि का टैक्स अथवा रिटर्न दाखिल नहीं किया है. उनके खिलाफ विभाग ने कार्रवाई की है. इसके तहत चिह्नित तीन व्यवसायियों के वैट निबंधन निलंबित किये गये हैं. यहां अंचल कार्यालय में वैट के तहत कुल 8500 कारोबारी रजिस्टर्ड हैं, जिन्होंने अलग-अलग धंधे के तहत निबंधन कराया है.
छह माह बाद देय है एक हजार का दंड : विभागीय नियमों के मुताबिक कर या विवरणी नियमित नहीं जमा करने पर छह माह तक 750 रुपये प्रति माह के हिसाब से तथा इसके बाद एक हजार रुपये प्रति महीना आर्थिक दंड का प्रावधान है. विभागीय पदाधिकारी की मानें, तो एक वर्ष के प्रति कारोबारी 27750 रुपये भुगतान करना पड़ेगा.
जीएसटी कराने का समय हुआ खत्म : वस्तु व सेवा कर से निबंधन नहीं करानेवाले जिले के बड़े कारोबारियों का अब निबंधन नहीं होगा. क्योंकि, इसकी समय सीमा खत्म हो गयी है.
इनके व्यवसाय पर ताला लग सकता है. वाणिज्यकर विभाग ने जीएसटी से निबंधन के लिए अंतिम मौका 14 मार्च तक का ही दिया था. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, आनेवाले दिनों में व्यवसाय करना मुश्किल हो जायेगा. अब जल्द ही जिन लोगों ने जीएसटी के तहत निबंधन करा लिया है, उनको प्रशिक्षण भी दिया जायेगा. इसकी भी तैयारी विभाग द्वारा की जा रही है. मालूम हो कि पूरे देश में जुलाई से एक साथ जीएसटी लागू होने जा रहा है.